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फ़रवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

, स्वास्थ्य वैकल्पिक चिकित्सा घरेलू नुस्‍खरात को सोते वक्त कान में तेल डालने से होते हैं ये 6 फायदे, जानें कौन सा तेल रहेगा फायदेमंदकान में किसी प्रकार की दिक्कत होने या फिर कुछ भी होने पर हम कान को कुरेदना शुरू कर देते हैं और उसी के दौरान हम कान को नुकसान पहुंचा देते हैं। लगातार कान में समस्या के कारण हमें कम सुनाई देने लगता है और यह समस्या आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ-साथ शुरूघरेलू नुस्‍खWritten by: समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब हमारे शरीर के सबसे संवेदनशील अंगों में से एक कान की देखभाल की जरूरत बेहद ज्यादा होती है। अक्सर हम अपने ह्रदय, लिवर, किडनी जैसी अंगों का खास ख्याल रखने की कोशिश करते हैं और इसी चक्कर में हम अपने संवेदनशील अंगों को भूल जाते हैं। हमारी यही गलती अक्सर हमें बाद में कई बड़ी दिक्कतें दे जाती है। इन्हीं में से एक कान की भी समस्या है। जब भी हमारे कान में किसी प्रकार की दिक्कत होती है या फिर कुछ भी होने पर हम कान को कुरेदना शुरू कर देते हैं और उसी के दौरान हम कान को नुकसान पहुंचा देते हैं। अभी हाल ही में एक ऑस्ट्रिलयाई महिला द्वार कॉटन स्वैब से कान साफ करने की आदत ने गंभीर मस्तिष्क संक्रमण का रूप ले लिया था। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। वहीं लगातार कान में समस्या के कारण हमें कम सुनाई देने लगता है और यह समस्या आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ-साथ शुरू हो जाती है। हमारी जरा सी अनदेखी कान में एक नहीं बल्कि कई तरह के विकारों को जन्म दे सकती है। कान से पस निकलना, कान में संक्रमण होना, कान में इयरवैक्स सूख जाना, कान में खुजली, कान में मैल जमना, कम सुनाई देना जैसी समस्या कान की परेशानियों में शामिल हैं। दरअसल पुराने जमाने से ही कान की हर समस्याओं को दूर करने के लिए लोग कान में तेल डालते चले आ रहे हैं। अगर आप कान में तेल डालने के फायदे से अंजान हैं तो हम आपको सोते वक्त कान में तेल डालने के कुछ ऐसे फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको कई समस्याओं से छुटकारा दिला सकते हैं।कान में तेल डालने के 6 फायदेनारियल का तेल संक्रमण करेगा दूरकान में तिल्ली या फिर कान कुरेदने के लिए कुछ भी डालने से कान का संक्रमण बेहद जल्दी हो जाता है। ऐसे में एंटीबायोटिक्स लेने के बजाए आप कान में नारियल का तेल डालें। नारियल का तेल डालने से कान के अंदर का वायरल और संक्रमण दूर करने में मदद मिलती है।सरसों के तेल से निकालें जमा मैलपुराने जमाने से लोग कान के अंदर जमा मैल को निकालने के लिए सरसों के तेल का प्रयोग करते आ रहे हैं, जो कि काफी फायदेमंद साबित होता है और हर घर में इस नुस्खे का प्रयोग होता आ रहा है। कान में मैल जमा होने पर खुजली होने लगती है, जिसे दूर करने के लिए रात में सोते वक्त दो या तीन बूंद सरसों के तेल की डालें। ऐसा करने से सुबह तक कान में जमा मैल बाहर आ जाएगा।इसे भी पढ़ेंः खांसते-खांसते हो चुके हैं परेशान तो इन 7 तरीकों से मिनटों में दूर करें पुरानी खांसी, एक बार जरूर आजमाएंमछली के तेल से करें खुजली दूरअगर आपके कान में लगातार खुजली हो रही है तब आप लहसुन की कुछ कलियां मछली के तेल में डालकर उसे गर्म करें। गर्म तेल को बाद में ठंडा करें और सुबह-शाम उसे कान में डालें। नियमित रूप से ऐसा करने से खुजली की समस्या समाप्त हो जाती है।कान दर्द दूर करने में फायदेमंद ऑलिव ऑयलअगर आप लगातार कान दर्द की शिकायत से परेशान हैं तो आप ऑलिव ऑयल की कूछ बूंदे डालकर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। ऑलिव ऑयल कान दर्द को दूर करने में काफी फायदेमंद माना जाता है।इसे भी पढ़ेंः हड्डियों से आ रही कट-कट की आवाज तो तुरंत खाना शुरू कर दें ये 3 चीजें, इस बीमारी से रहेंगे हमेशा दूरकान की सूजन दूर करता टी ट्री ऑयलअगर किसी कारण से आपके कान में सूजन आ गई है तो उसे कम करने के लिए आप टी ट्री ऑयल में ऑलिव ऑयल की कुछ बूंदें मिलाकर कान में डालें। सुबह- शाम ऐसा करने से कान में आई सूजन दूर हो जाती है।कान में घनघनाहट से राहत देता बादाम का तेलअगर आपके कान में लगातार घनघनाहट होती है तो आप बादाम तेल की कुछ बूंदे अपने कान में डालें। ऐसा करने से कानों में हो रही घनघनाहट बंद हो जाएगी और कान में होने वाली बेचैनी से भी राहत मिलेगी।Health Alternative Medicine Home remedies These are the 6 benefits of putting oil in the ear while sleeping at night, know which oil will be beneficial When there is any kind of problem or anything in the ear, we start scaring the ear and during that time we damage the ear. Continuous ear problems cause us to hear less and this problem usually starts with aging. Household tips Written by: Socialist Vanita Kasaniyan Punjab Ear care, one of the most sensitive parts of our body, is very much needed. Often we try to take special care of organs like our heart, liver, kidney and in this affair we forget our sensitive organs. This mistake of ours often gives us many major problems later. One of these is also an ear problem. Whenever there is any kind of problem in our ear or anything, we start scaring the ear and during that time we damage the ear. More recently, the habit of cleaning the ear with a cotton swab by an Australian woman took the form of a serious brain infection. This problem can happen to any person of any age. At the same time, due to a problem in the ear, we start hearing less and this problem usually starts with aging. Our slightest neglect can give rise to many types of disorders, not one in the ear. Problems with ear such as ear pain, ear infection, earwax drying, ear itching, ear scab, low hearing. Actually since ancient times, people have been pouring oil in their ears to overcome every ear problem. If you are unaware of the benefits of putting oil in the ear, then we are going to tell you about some of the benefits of putting oil in your ear while sleeping, which can relieve you from many problems. 6 benefits of oil in the ear Coconut oil will remove infection Infection of the ear can be done very quickly by inserting anything to the spleen or ear to ear. In such a situation, instead of taking antibiotics, put coconut oil in your ear. Adding coconut oil helps in removing viral and infection inside the ear. Remove dregs from mustard oil People from olden times have been using mustard oil to remove the filth inside the ear, which proves to be very beneficial and this recipe has been used in every household. Itching begins when there is dirt in the ear, to remove it, put two or three drops of mustard oil at bedtime. By doing this, the dirt deposited in the ear will come out by morning. Also read: If you are already coughing, then if you are troubled, then in these 7 ways, relieve chronic cough in minutes, definitely try once. Remove itching with fish oil If you have persistent itching in your ear, then you put some garlic cloves in fish oil and heat it. Cool the hot oil afterwards and put it in the ear in the morning and evening. Itching problem is eliminated by doing this regularly. Olive oil beneficial in relieving ear pain If you are constantly troubled by the complaint of ear pain then you can get rid of this problem by adding a few drops of olive oil. Olive oil is considered very beneficial in relieving ear pain. Also read: If you hear the sound of cuts coming from your bones, start eating these 3 things immediately, you will always stay away from this disease Tea tree oil relieves ear inflammation If for some reason there is swelling in your ear, then to reduce it, you should mix a few drops of olive oil in tea tree oil and put it in the ear. Doing this in the morning and evening cures swelling in the ear. Almond oil gives relief from thunderous ears If there is a constant ringing in your ear, then you put a few drops of almond oil in your ear. By doing this, the ringing in the ears will stop and the discomfort in the ears will also be relieved.

, खांसते-खांसते हो चुके हैं परेशान तो इन 7 तरीकों से मिनटों में दूर करें पुरानी खांसी, एक बार जरूर आजमाएं By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबखांसते-खांसते हो चुके हैं परेशान तो इन 7 तरीकों से मिनटों में दूर करें पुरानी खांसी, एक बार जरूर आजमाएं खांसी भी एक ऐसी समस्या है, जो मौसम में बदलाव से आपको दिक्कत दे सकती है। मौसम की जरा सी करवट लोगों को खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं दे सकती है। अगर खांसी का समय रहते इलाज न किया जाए तो ये टीबी का रूप ले सकती है। घरेलू नुस्‍ख बदलता मौसम अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है और मानसून के मौसम में खासकर सिरदर्द, जुकाम और खांसी की समस्या आम होती है। इन सामान्य सी दिखने वाली बीमारियों का अगर सही समय पर उपचार न किया जाए तो ये आपके शरीर में गंभीर समस्या पैदा कर देती है। खांसी भी एक ऐसी समस्या है, जो मौसम में बदलाव से आपको दिक्कत दे सकती है। मौसम की जरा सी करवट लोगों को खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं दे सकती है। अगर खांसी का समय रहते इलाज न किया जाए तो ये टीबी का रूप ले सकती है। हालांकि खांसी होने पर ये पता होना जरूरी है कि आपको कैसी खांसी है। सूखी खांसी और बलगम वाली खांसी ज्यादातर लोगों को परेशान करती है।'खांसी चाहे बड़े को हो या फिर बच्चों को सभी को परेशान कर देती है। ये एक ऐसी समस्या है जो घर के किसी भी सदस्य को होने पर पूरे घर को तकलीफ में डाल देती है। खांसी होने पर इंसान को अपने सभी काम करने में दिक्कत आती है और उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता। अगर आप भी बाजार से खांसी का सिरप ले लेकर परेशान हो गए हैं और आपकी खांसी जाने का नाम नहीं ले रही है तो हम आपको इसी समस्या से निजात पाने का बेहद आसान और अचूक उपाय बताने जा रहे हैं, जिसे आजमाकर आप मिनटों में खांसी की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।खांसी को दूर करने के असरदार उपायअगर आप काफी समय से खांसी की समस्या से परेशान हैं तो एक चम्मच शहद लेकर उसे चाट लें। ऐसा करने से आपके शरीर में बनने वाला कफ जल्द ही निकल जाएगा और खांसी से राहत मिलेगी।इसे भी पढ़ेंः हड्डियों से आ रही कट-कट की आवाज तो तुरंत खाना शुरू कर दें ये 3 चीजें, इस बीमारी से रहेंगे हमेशा दूरअगर आप खांसी की समस्या को जड़ से मिटाने चाहते हैं तो एक चम्मच शहद में आंवले के पाउडर की थोड़ी मात्रा मिलाएं और सुबह-शाम उसका उसका सेवन करें। नियमित रूप से ऐसा करने से खांसी की समस्या से राहत मिलेगी।दवाईयां खाने के बाद भी अगर खांसी कम नहीं हो रही है और खांसते-खांसते आपके सीने में दर्द हो गया है, तो आप सरसों तेल को गर्म करके उसमे थोडा कपूर मिला कर अच्छी तरह से छाती और पीठ की मालिश करें। दिन में तीन बार तक ऐसा करने से खांसी की समस्या और दर्द से छुटकारा मिलता है।अगर आप जल्द से जल्द खांसी को ठीक करना चाहते हैं तो एक चम्मच हल्दी पाउडर को दूध में मिलाकर पीएं। ऐसा करने से खांसी की समस्या से निजात मिलती है।इसे भी पढ़ेंः इन 4 आसान तरीकों से बढ़ाएं अपनी पाचन शक्ति, बढ़ेगी भूख और शरीर रहेगा तंदरुस्तअगर आपको सूखी खांसी है तो एक बतासे में थोडा सा लौंग का तेल लगाकर खा लें। ऐसा करने से आपको सूखी खांसी में काफी राहत मिलेगी।इसके अलावा आप सूखी खांसी से राहत पाने के लिए आप मुंह में सौंफ रखकर चबाएं। नियमित रूप से ऐसा करने से खांसी से छुटकारा मिलता है।खांसी से छुटकारा पाने का सबसे अचूक तरीका है गाय के घी को लेकर उसे छाती पर मलना। दिन में दो बार ऐसा करने से भी खांसी में जल्दी आराम मिलता है।Read More Articles On Home Remedies In Hindi DisclaimerTAGSखांसी से छुटकारा कैसे पाएं खांसी दूर करने के घरेलू नुस्खे खांसी कैसे दूर करें खांसी में क्या खाएं Cough Cold and Cough how to get rid of cough how to get rid of cough in hindi Cold and Cough in hindi Cold and Cough problemFor You +सुबह सोकर उठने पर सबसे पहले पानी पीना है अच्छी आदत, जानिए खाली पेट पानी पीने के 10 फायदेसुबह सोकर उठने पर सबसे पहले पानी पीना है अच्छी आदत, जानिए खाली पेट पानी पीने के 10 फायदेPostpartum Depression: बच्चे को जन्म देने के बाद डिप्रेशन का शिकार हुई इस महिला की कहानी से समझें इस समस्या कोPostpart

If you have been coughing and getting upset, then in these 7 ways, remove chronic cough in minutes, definitely try once by social worker Vanita Kasani Punjab  If you are already coughing, then if you are troubled, then in these 7 ways, relieve chronic cough in minutes, definitely try once.  Cough is also a problem, which can trouble you due to change in the weather. A slight movement of the weather can give people problems such as cough and cold. If the cough is not treated in time, it can take the form of TB.  Household tips            The changing season brings many diseases along with it, and headache, cold and cough problems are common during the monsoon season. If these common-looking diseases are not treated at the right time, they cause serious problems in your body. Cough is also a problem, which can trouble you due to change in the weather. A slight movement of the weather can give people problems like cough and cold. If cough ...

हड्डियों से आ रही कट-कट की आवाज तो तुरंत खाना शुरू कर दें ये 3 चीजें, इस बीमारी से रहेंगे हमेशा दूर क्या आपको कभी-कभी महसूस होता है कि जब आप अचानक उठते हैं या चलते हैं या फिर बैठते हैं तो आपके घुटनों, कूल्हे और कोहनी की हड्डियों से कट-कट की आवाज आती है। अगर आपने लगतार ऐसा महसूस किया है तो अब वक्त आ गया है कि आप इस बात पर ध्यान दें न कि इसे नजरअंघरेलू नुस्‍खWritten by: समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब क्या आपको कभी-कभी महसूस होता है कि जब आप अचानक उठते हैं या चलते हैं या फिर बैठते हैं तो आपके घुटनों, कूल्हे और कोहनी की हड्डियों से कट-कट की आवाज आती है। अगर आपने लगतार ऐसा महसूस किया है तो अब वक्त आ गया है कि आप इस बात पर ध्यान दें न कि इसे नजरअंदाज करें क्योंकि यह हड्डियों से जुड़ी किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकते हैं। बहुत से लोग मानते हैं कि हड्डियों से कट-कट की आवाज आने का मतलब इनका कमजोर होना है। कई बार लोग इसे जोड़ो से जुड़ा रोग समझ लेते हैं। जोड़ों से आने वाली इस प्रकार की आवाज को मेडिकल भाषा में क्रेपिटस कहा जाता है। जोड़ों से कट-कट की आवाज आने के पीछे का कारण जोड़ों के भीतर मौजूद द्रव में हवा के छोटे बुलबुलों का फूटना है। इन्हीं बुलबुलों के फूटने से यह आवाज शुरू होती है। कई बार जोड़ों के बाहर मौजूद मांसपेशियों के टेंडन या लिगामेंट्स की रगड़ से भी आवाज सुनाई देती है। अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से परेशान हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह किस गंभीर बीमारी का संकेत हैं और इस स्थिति में क्या खाएं ताकि ये बीमारी जल्द ठीक हो जाए।Ads by Jagran.TVकट-कट की आवाज आना ऑस्टियोआर्थराइटिस का संकेतजोड़ों से कट-कट की आवाज आना ऑस्टियोआर्थराइटिस का संकेत हो सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस एक प्रकार का गठिया रोग है, जिसमें हड्डियों के सिरों पर लचीले ऊतकों की संख्या कम हो जाती है। इतना ही नहीं घुटनों के जोड़ों पर मौजूद कार्टिलेज भी धीरे-धीरे खत्म होने लगते हैं। इस स्थिति में जब भी हरकत होती है तो कट-कट की आवाज आने लगती है। इस तरह की आवाज आने के साथ दर्द नहीं होता लेकिन यह स्थिति बेहद गंभीर मानी जाती है।बच्चे भी होते हैं शिकारबच्चों या फिर किशोरावस्था के दौरान उनकी हड्डियों से कट-कट की आवाज आती रहती है इसलिए डरने की कोई जरूरत नहीं है। बस ध्यान रखें कि उनकी हड्डियों में किसी प्रकार का दर्द या परेशानी का अनुभव तो नहीं हो रहा है। हां इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि बच्च्चे की हड्डियां कमजोर हैं या उनके शरीर में कैल्शियम की कमी है। हड्डियों से कट-कट की आवाज का मतलब उनकी हड्डियों में वायु का अधिक होना है। इस कारण से उनकी हड्डियों के जोड़ों में एयर बबल्स बनते हैं और टूटते हैं, जिसके कारण हड्डियों से कट-कट की आवाज आती है।इसे भी पढ़ेंः इन 4 आसान तरीकों से बढ़ाएं अपनी पाचन शक्ति, बढ़ेगी भूख और शरीर रहेगा तंदरुस्तहड्डियों से कट-कट की आवाज आने पर इन 3 तरीकों से पाए छुटकारामेथी का दानेअगर आप भी हड्डियों की कट-कट की आवाज से अक्सर परेशान रहते हैं इससे समय पर राहत पाना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप इस घरेलू नुस्खे का प्रयोग कर सकते हैं। आपको करना ये है कि रात को आधा चम्मच मेथी के दाने पानी में भिगो दें और सुबह मेथी दानों को चबा-चबा कर खाएं। उसके बाद उसका पानी पी लें। नियमित रूप से ऐसा करने से हड्डियों के बीच एयर बबल्स की समस्या खत्म हो जाएगी और आवाज आना भी बंद हो जाएगी।इसे भी पढ़ेंः Sore Throat: गले की खराश, खांसी और कफ से हैं परेशान तो आजमाएं ये 6 घरेलू नुस्खे, तुरंत मिलेगी राहतदूध पीएंहड्डियों से कट-कट की आवाज आने का मतलब हड्डियों के जोड़ों में लुब्रिकेंट की कमी का एक संकेत भी हो सकता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह समस्या बढ़ने लगती है और इसमें दर्द भी रहने लगता है। इसके पीछे आपके शरीर में कैल्शियम की कमी भी हो सकती है। कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आप हल्दी वाला दूध पीएं। ऐसा करने से दर्द भी दूर होगा और शरीर में कैल्शियम की पूर्ति भी होगी।गुड़ और चनागरीबों का बादाम कहे जाने वाले भुने चने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। भूने चने के साथ गुड़ का भी सेवन शरीर के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। दिन में एक बार गुड़ और भुने हुए चने जरूर खाएं। इससे हड्डियों की कमजोरी दूर हो जाएगी और कट-कट की आवाज आना भी बंद हो जाएगी।Read More Articles On Home Remedies In Hindi DisclaimerTAGSजोड़ों से आवाज आना जोड़ों से आ रही आवाज कट-कट की आवाज आने पर क्या करें घरेलू नुस्खे Noise In Joints Pain In Joints Noise In Joints in hindi get rid of noise in joints in hindiFor You +

If you hear the sound of cuts coming from your bones, start eating these three things immediately, you will always stay away from this disease  Do you sometimes feel that when you suddenly get up or walk or sit down, there is a sound of a cut from the bones of your knees, hip and elbow. If you have felt like this continuously, now is the time to pay attention to this and not to look at it  Household tips  Written by: Socialist Vanita Kasaniyan Punjab            Do you sometimes feel that when you suddenly get up or walk or sit down, there is a sound of a cut from the bones of your knees, hip and elbow. If you have felt like this continuously, now is the time that you should not pay attention to it because it can be a symptom of a serious bone disease. Many people believe that the sound of cuts from the bones means they are weak. Many times people understand this joint related disease. This type of sound coming from the joints is called c...

शरीर में बहुत सारा फैट का इकट्ठा हो जाना मोटापा होता है. ये समस्या आज कल काफी आम हो गयी है. मोटापे के कारण शरीर में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं. इसलिए अपने वजन को नियंत्रित करना बेहद आवश्यक है. By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो हम आपको ऐसी ड्रिंक बताते हैं जिसे रोजाना पीने से आपके शरीर का मोटापा जल्द ही घटने लगेगा.वजन घटाने में असरदार नींबू पानी और काले नमक का कॉम्बिनेशनअक्सर आपने लोगों को वजन घटाने के लिए खाली पेट गुनगुना पानी पीते हुए देखा होगा। अगर आप इस गुनगुने पानी में नींबू का रस और चुटकी भर काला नमक मिला दें तो ये आपके शरीर के जमा फैट को पिघलाने का काम करेगा।नींबू में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है। इसके साथ ही कैलोरी में कम और एंटीऑक्सीडेंट और कई खनिजों भी होते हैं। पानी पीने से पेट भरा रहेगा और शरीर हाइड्रेटेड भी रहेगा। वहीं काला नमक भी कई खनिजों का स्त्रोत है। इसके सेवन से भी शरीर को कई फायदे होते हैं।वजन घटाने के अलावा ये भी होते हैं नींबू और काला नमक के फायदेडाइजेशन रहता है बढ़ियानींबू और काले नमक को रोजाना खाली पेट गुनगुने पानी में डालकर पीना सेहत के लिए अच्छा रहता है। ये ना केवल शरीर से बढ़ा फैट पिघलाता है बल्कि डाइजेशन सिस्टम भी ठीक रहता है। ये इन डाइजेशन की समस्या को खत्म करता है और सुबह आप अच्छे से फ्रेश भी हो जाएंगे। इसके साथ ही मेटाबॉलिज्म को मजबूत करता है।एसिडिटी की समस्या कम करता हैइसके सेवन से गैस की समस्या में भी आराम मिलता है। इसके साथ ही त्वचा से संबंधित कई रोगों से निजात दिलाने का काम करता है। भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स होने की वजह से ये उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी नियंत्रित करता है।ऐसे बनाएं नींबू और काले नमक का वेट लॉस ड्रिंकसबसे पहले एक गिलास गुनगुना पानी कर लेंअब इसमें 2 चम्मच नींबू का रस और एक चुटकी काला नमक डालेंइसे अच्छे से चम्मच से मिला लेंसुबह के समय रोजाना इसे खाली पेट पी लेंरोजाना इसे पीने से वजन कुछ ही दिन में घटने लगेगाइस ड्रिंक के साथ एक्सरसाइज करें तो आपको जल्द फायदा दिखने लगेगा

The accumulation of a lot of fat in the body is obesity. This problem has become quite common these days. Due to obesity, many kinds of troubles start in the body. Therefore it is very important to control your weight. By social worker Vanita Kasani Punjab if you are trying to lose weight, then we tell you such a drink that by drinking daily, your body's fatness will soon decrease.  Combination of lemonade and black salt effective in weight loss  Often you have seen people drinking lukewarm water on an empty stomach to lose weight. If you mix lemon juice and a pinch of black salt in this lukewarm water, then it will work to melt the fat stored in your body. Vitamin C is rich in lemon. Along with this, they are low in calories and also contain antioxidants and many minerals. Drinking water will keep the stomach full and the body will also remain hydrated. At the same time, black salt is also a source of many minerals. There are many benefits to the body from its intake...

How to start Aloe Vera Prison and Juice business, By social worker Vanita Kasani Punjab Seeing the growing demand for Aloe vera in the market, trading Aloe vera can be a profitable deal. Aloe vera is used in various places like herbal, cosmetic products, juices and pharmaceutical companies, etc. With its production costs reduced, profit margins Is more. Aloe vera farming business costs The expenses in the business of aloe vera are as follows - (These expenses depend on your area of ​​cultivation) 27500 rupees plant cost, The expenditure incurred on dung manure, chemical and plant irrigation is Rs. 8750, The cost of packaging and labor of the products can be Rs 14,500. Aloe vera crop It takes about 8-18 months for the aloe vera to be ready, but after harvesting the aloe vera, farmers or entrepreneurs should be aware that within 4 to 5 hours of harvesting, they will have to reach the processing unit. Benefits of aloe vera cultivation In the business of aloe vera, you can invest up to Rs 60,000 and earn a profit of Rs 5 to 6 lakh. And you can also start a business of hand wash soap at a low cost. Aloe vera gel Aloe vera gel or juice business is a good idea for business, just like the cultivation of aloe vera, after harvest, remove the pulp inside it and add water to it as per the requirement, you can also start your business as aloe vera juice or gels If you do farming business of aloe vera juice or gels by yourself, then your income will be higher, otherwise you start a business in a place where you can easily get raw materials. Trade cost of aloe vera gels or juice Various schemes have been run in the government for the business of aloe vera juice, in which work is given on interest loan, in addition to this, subsidy of up to 25 percent is also provided by the government. Profit from the trade of aloe vera gel or juice Applying a processing unit for aloe vera juice may require an investment of around Rs 6 to 7 lakhs, and it costs an estimated Rs 40 to make 1 liter of juice. You can sell this juice at a market price of Rs 20 lakhs. You can earn profits and after making this investment, you can earn even by selling juice.,

, चीकू के 19 फायदे, उपयोग और नुकसान – Sapota (Chiku) Benefits, Uses and Side Effects in HindiJanuary 30, 2020 By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबहर फल की अपनी अलग खासियत और स्वाद होता है, जिसकी वजह से उसे पसंद किया जाता है। ऐसे ही फलों में सपोटा यानी चीकू का नाम भी शुमार है। इस फल में एक अलग मिठास के साथ ही अनेक ऐसे गुण हैं, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। यह फल ही नहीं बल्कि इसके पेड़ के विभिन्न हिस्सों का इस्तेमाल लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने और उनके लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। यही कारण है कि हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में चीकू के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। यहां चीकू के फायदे और उपयोग के साथ ही इसके नुकसान के बारे में भी आप जानेंगे। ध्यान रहे कि चीकू लेख में बताई गई बीमारियों का इलाज नहीं बल्कि उससे बचाव और उनके प्रभाव को कम करने में वैकल्पिक रूप से मददगार हो सकता है।चलिए, सीधे चीकू के फायदे के बारे में जान लेते हैं।विषय सूचीचीकू के फायदे – Benefits of Sapota (Chiku) in Hindiसेहत/स्वास्थ्य के लिए चीकू के फायदे – Health Benefits of Sapota (Chiku) in Hindiत्वचा के लिए चीकू के फायदे – Skin Benefits of Sapota in Hindiबालों के लिए चीकू के फायदे – Hair Benefits of Sapota in Hindiचीकू के पौष्टिक तत्व – Sapota Nutritional Value in Hindiचीकू का उपयोग – How to Use Sapota(Chiku) in Hindiचीकू के नुकसान – Side Effects of Sapota in Hindiचीकू के फायदे – Benefits of Sapota (Chiku) in Hindiचीकू विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसलिए यह फल सेहत के साथ ही त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। हम लेख में आगे चीकू के फायदे पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इस दौरान हम चीकू के गुण के बारे में बताएंगे, जो शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही त्वचा और बालों पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं। ध्यान दें कि चीकू के खाने के फायदे तो हैं ही इसके साथ ही चीकू के पत्ते, जड़ और पेड़ की छाल भी काफी उपयोगी होती हैं, जिनका इस्तेमाल स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जा सकता है (1)। इन्हीं के बारे में हम विस्तार से नीचे बता रहे हैं।पहले हम स्वास्थ्य संबंधी चीकू के फायदे के बारे में बताएंगे, उसके बाद स्किन और बालों के स्वास्थ्य पर चर्चा करेंगे।सेहत/स्वास्थ्य के लिए चीकू के फायदे – Health Benefits of Sapota (Chiku) in Hindi1. वजन नियंत्रण:शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण वजन का अधिक होना आम होते जा रहा है। ऐसे में चीकू मदद कर सकता है। दरअसल, चीकू का सेवन करने से अप्रत्यक्ष रूप से वजन कम करने में सहायता मिल सकती है। एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल (International Journal of Food Science and Nutrition) द्वारा किए गये शोध के मुताबिक चीकू फल गैस्ट्रिक एंजाइम के स्राव को नियंत्रित कर सकता है, जिससे आगे मेटाबॉलिज्म नियंत्रित हो सकता है (1)। फिलहाल, वजन नियंत्रण प्रक्रिया पर चीकू के प्रभाव सही तरीके से जानने के लिए गहन शोध की आवश्यकता है।2. कैंसर:लंबे समय से चीकू में कैंसर गुण हैं या नहीं इसको लेकर शोध किया जा रहा था। हाल ही में किए गये शोध के मुताबिक चीकू में एंटी-कैंसर गुण पाए गये हैं। इससे संबंधित एक शोध के मुताबिक चीकू के मेथनॉलिक अर्क में कैंसर के ट्यूमर को बढ़ने से रोकने के गुण पाए गये हैं। रिसर्च के मुताबिक चीकू का सेवन न करने वाले चूहों के मुकाबले इसका सेवन करने वालों के जीवन में 3 गुना वृद्धि हुई और ट्यूमर की बढ़ने की गति भी धीमी पाई गयी (2)। वहीं, चीकू और इसके फूल के अर्क को ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मददगार पाया गया है (3)। फिलहाल, इंसानों पर इसके प्रभाव जानने के लिए और शोध की आवश्यकता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कैंसर एक गंभीर रोग है और इसके इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो घरेलू उपचार की जगह डॉक्टरी उपचार को प्राथमिकता देना एक अच्छा फैसला है।3. एनर्जी:चीकू फल को एनर्जी यानी ऊर्जा का अच्छा स्रोत माना जाता है। खासकर कि चीकू फ्रूट बार को। दरअसल, इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर को एनर्जी देने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, चीकू में सुक्रोज और फ्रुक्टोज नामक प्राकृतिक शुगर भी होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में लाभदायक माने जाते हैं। यही वजह है कि इसे नेचुरल एनर्जी बूस्टर माना जाता है, जिसका इस्तेमाल दिन भर ऊर्जावान रहने के लिए किया जा सकता है (4) (5)।4. स्वस्थ हड्डियों के लिए चीकू के फायदे:हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन काफी अहम पोषक तत्व माने जाते हैं। ऐसे में इन तीनों पोषक तत्वों से भरपूर चीकू ह़ड्डी को मजबूत बनाकर उसे लाभ पहुंचा सकता है। चीकू में कॉपर की मात्रा भी पाई जाती है, जो हड्डियों, कनेक्टिव टिश्यू और मांसपेशियों के लिए जरूरी होता है। कॉपर ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी से जुड़ा रोग), मांसपेशियों की कमजोरी, ताकत में कमी और कमजोर जोड़ों की आशंकाओं को कम करने का काम कर सकता है। कॉपर के साथ ही इसमें मौजूद मैंगनीज, जिंक और कैल्शियम बुढ़ापे की वजह से हड्डी को होने वाले नुकसान से बचाने में सहायक हो सकते हैं (1)।5. इम्यूनिटी:चीकू के लाभ में इम्यूनिटी को बढ़ाना भी शामिल है। गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी हरियाणा द्वारा सपोटा पर किए गए शोध के मुताबिक इसमें मौजूद विटामिन-सी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाकर, शरीर को बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाने और उनसे लड़ने में मदद कर सकता है (5)l साथ ही विटामिन-सी स्ट्रेस की वजह से कमजोर होने वाली इम्यूनिटी में भी सुधार करने में लाभदायक हो सकता है (1)।6. प्रेगनेंसी:कई फल होते हैं जिन्हें गर्भावस्था के दौरान सेवन करना लाभदायक हो सकता है, उन्हीं फलों में से एक है चीकू। कार्बोहाइड्रेट, प्राकृतिक शुगर, विटामिन-सी जैसे कई आवश्यक पोषक तत्वों की उच्च मात्रा से भरपूर होने के कारण इसे गर्भवतियों और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए चीकू को बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह गर्भवतियों को होने वाली कमजोरी को दूर करने के साथ ही गर्भावस्था के अन्य लक्षण जैसे मतली और चक्कर आने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही चीकू में मौजूद आयरन और फोलेट जैसे पोषक तत्व गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के खतरे से बचाने में लाभदायक हो सकते हैं। इसके अलावा, चीकू में मैग्नीशियम भी होता है, जिसे ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक माना जाता है (1)।7. पाचन और कब्ज:पाचन क्रिया में सुधार के लिए फाइबर आवश्यक होता है। फाइबर शरीर में मौजूद खाद्य पदार्थों को पचाने के साथ ही अपशिष्ट पदार्थ को मल के माध्यम से बाहर निकालने में मदद कर सकता है। सपोडिला यानी चीकू में भी फाइबर होता है, इसलिए माना जाता है कि चीकू खाने के फायदे में पाचन भी शामिल है। इसमें मौजूद फाइबर लैक्सेटिव की तरह काम करता है, जिसकी मदद से मल आसानी से मलद्वार से बाहर निकल जाता है और कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। चीकू के फल को पानी में उबालकर पीने से डायरिया भी ठीक हो सकता है। वहीं चीकू में मौजूद टैनिन (Tannins) एटी-इंफ्लामेटरी की तरह काम करते हैं। यह प्रभाव पाचन तंत्र संबंधी समस्याओं जैसे फूड पाइप में होने वाली सूजन (Esophagitis), छोटी आंत में होने वाली सूजन (Enteritis), इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (आंत संबंधी विकार), पेट दर्द और गैस की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है (1)।8. रक्तचाप:सपोटा में मौजूद मैग्नीशियम रक्त वाहिकाओं को गतिशील बनाए रखता है। इसके अलावा, चीकू में मौजूद पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। रोजाना चीकू को उबालकर इसका पानी पीने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है (1)।9. टूथ कैविटी:दांतों में कैविटी होना काफी आम हो गया है, जिसकी अहम वजह है बैक्टीरिया (6)। इस समस्या से निपटने में चीकू मदद कर सकता है। दरअसल, चीकू में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण यहां लाभदायक हो सकते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने और इनसे बचाव में मदद कर सकते हैं। साथ ही इस पर किए गए शोध में जिक्र मिलता है कि सपोडिला (चीकू) फल में पाए जाने वाले लैटेक्स (एक तरह का गम) का उपयोग दांतों की कैविटी को भरने के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा, चीकू में मौजूद विटामिन-ए ओरल कैविटी कैंसर से बचाव में मदद कर सकता है (1)।10. किडनी स्टोन के लिए चीकू के फायदे:गलत खान-पान और लाइफ स्टाइल की वजह से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए सपोटा यानी चीकू मदद कर सकता है। किडनी स्टोन से बचाव करने और इसके लक्षण कम करने के लिए चीकू फल के बीज को पीसकर पानी के साथ सेवन करना लाभदायक माना जाता है। दरअसल, इसमें ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण होते हैं। माना जाता है कि यह गुण किडनी में मौजूद स्टोन को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने में मदद कर सकता है (1)।11. सर्दी और जुखाम:चीकू के फायदे में खांसी-जुखाम से बचाव भी शामिल है। यह कफ और बलगम को नाक की नली (Nasal Passage) और श्वसन पथ (Respiratory Tract) से हटाकर सीने की जकड़न और क्रॉनिक कफ से आराम दिलाने में मदद कर सकता है (1)। एनसीबीआई (National Center For Biotechnology Information) पर छपे एक शोध के मुताबिक उपचार की पारंपरिक प्रणाली में सपोडिला यानी चीकू की पत्तियों का उपयोग भी सर्दी और खांसी के लिए किया जाता रहा है (7)। ऐसे में माना जाता है कि इसकी पत्तियों को उबालकर इसका पानी पीने से सर्दी और खांसी से राहत मिल सकती है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सपोटा और इसकी पत्तियों में मौजूद कौन सा केमिकल कंपाउंड सर्दी-जुखाम से राहत दिलाने में मदद करता है। वैसे यह एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण भी प्रदर्शित करता है (1)। ये गुण कुछ हद तक सर्दी-जुखाम से बचाव में मदद कर सकते हैं।12. मस्तिष्क के लिए चीकू खाने के फायदे:दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए चीकू मदद कर सकता है। माना जाता है कि यह दिमाग की नसों को शांत और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, अनिंद्रा, अवसाद और चिंता से गुजर रहे लोगों को भी सपोडिला का सेवन करने की सलाह दी जाती है। दरअसल, सपोटा में मौजूद आयरन दिमाग को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। ऑक्सीजन दिमाग के लिए काफी आवश्यक होता है। यह मस्तिष्क के अच्छे कार्य को सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, आयरन की कमी भी दिमाग को प्रभावित करती है। इसकी कमी की वजह से बेचैनी, चिड़चिड़ाहट और एकाग्रता में कमी होती है। इसलिए, माना जा सकता है कि चीकू का सेवन मस्तिष्क स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद कर सकता है (1)।13. एंटी-इंफ्लामेटरी:टैनिन की उच्च मात्रा की वजह से चीकू एंटी-इंफ्लामेटरी एजेंट की तरह काम करता है। यह आंत संबंधी समस्या, सूजन और दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (1)। यह प्रभाव सूजन व एडिमा से बचाव यानी शरीर के किसी भी हिस्से में तरल पदार्थ व द्रव इकट्ठा होने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह इंफ्लामेशन से संबंधित अन्य रोग से भी राहत दिलाने और बचाव करने में फायदेमंद साबित हो सकता है (7)। इंफ्लामेशन की वजह से होने वाले रोग में गठिया (Arthritis), ल्यूपस ( जब इम्यून सिस्टम खुद स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करता है, जिससे जोड़ों, किडनी, हार्ट और कई हिस्सों पर असर पड़ता है), मल्टीपल स्क्लेरोसिस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की अक्षमता) जैसी बीमारियां शामिल हैं (8)।स्वास्थ्य से संबंधित चीकू के फायदे के बाद इसके त्वचा संबंधित लाभ के बारे में जान लेते हैं।त्वचा के लिए चीकू के फायदे – Skin Benefits of Sapota in Hindiचीकू खाने के फायदे, इसमें मौजूद विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट की वजह से मिलते हैं। ऊपर हम चीकू के गुण के साथ ही इसे खाने से होने वाले अनेक स्वास्थ्य लाभ के बारे में बता चुके हैं। अब अगर हम चीकू के त्वचा संबंधित लाभ के बारे में बात न करें तो शायद यह लेख अधूरा होगा। यही कारण है कि हम नीचे विस्तार से त्वचा संबंधित चीकू के लाभ के बारे में बता रहे हैं।1. त्वचा स्वास्थ्य:चीकू त्वचा स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। माना जाता है कि इसमें मौजूद विटामिन-ई, ए और सी त्वचा को स्वस्थ बनाने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, इसमें मौजूद मॉइस्चराइजिंग गुण त्वचा को रुखेपन से बचाकर सेहमंद रखने में सहायता कर सकता है (5)। त्वचा के लिए चीकू के अन्य फायदों को नीचे बताया गया है।2. झुर्रिया और एंटी-एजिंग:झुर्रिया को बढ़ती उम्र की निशानी माना जाता है। कई बार त्वचा का ख्याल न रखने की वजह से समय से पहले चेहरे पर झुर्रिया पड़ने लग जाती हैं। यही वजह है कि लोग कई तरह की एंटी-एजिंग क्रीम का इस्तेमाल करते हैं। अगर घरेलू उपचार की बात की जाए तो चीकू एक फायदेमंद विकल्प के रूप में काम कर सकता है। दरअसल, इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट प्रभाव के साथ ही पॉलीफेनोल और फ्लेवोनॉयड कंपाउंड होते हैं, जो झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकते हैं (5)।3. मस्सा और फंगल इंफेक्शन:चीकू में एंटी-फंगल गुण होते हैं। माना जाता है कि इस गुण की मदद से त्वचा में होने वाले फंगल इंफेक्शन को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही चीकू के पेड़ से निकलने वाला दूधिया पदार्थ (दूध) फंगल इंफेक्शन से बचाव व कम करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, यह त्वचा पर निकलने वाले मस्सों को कम करने के उपाय के रूप में भी काम कर सकता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें मौजूद कौन-सा गुण मस्से के लिए लाभदायक होता है (5)।स्वास्थ्य और त्वचा के लिए चीकू के फायदे के बारे में जानने के बाद चलिए इसके संभावित बालों के फायदों पर एक नजर डाल लेते हैं।बालों के लिए चीकू के फायदे – Hair Benefits of Sapota in Hindiपोषक तत्वों से भरा सपोटा यानी चीकू को बालों को घना करने और इसकी क्वालिटी ठीक करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। यह बालों की दशा को सुधारने में कैसे योगदान देता है, यह हम नीचे विस्तार से बताएंगे।1. हेयर ग्रोथ :चीकू को बालों की ग्रोथ के लिए भी लाभकारी माना जाता है। दरअसल, यह फल विटामिन-ए, ई और सी से भरपूर होता है (5)। विटामिन-ए, स्किन ग्लैंड के सीबम नामक तैलीय पदार्थ को बनाने में मदद करता है। यह सीबम स्कैल्प को मॉइस्चराइज करके बालों को स्वस्थ रखने और ग्रोथ में मदद कर सकता है (9)। शरीर में विटामिन ए की कमी होने पर एलोपिसिया यानी बालों के झड़ने की समस्या भी हो सकती है (10)। साथ ही यह समस्या विटामिन-ए की अधिकता की वजह से भी होती है। इसके अलावा, विटामिन-ई और विटामिन-सी फ्री-रेडिकल डैमेज से शरीर को बचाते हैं, जिसकी वजह से बाल भी झड़ते हैं (11)। वहीं, चीकू के बीज का तेल सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस (स्कैल्प संबंधी रोग) की वजह से झड़ने वाले बालों को रोकने में मदद कर सकता है (5)।2. बालों को मुलायम बनाए:माना जाता है कि सपोटा के बीजों से निकाला गया तेल स्कैल्प को मॉइस्चराइज करके बालों को मुलायम बनाने में मदद करता है। बालों के मुलायम होने पर इन्हें संभालना आसान हो जाता है (5)। चीकू के बीज का सीधे बालों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके बीजों का पेस्ट कैस्टर ऑयल के साथ मिश्रित करके हेयर मास्क की तरह उपयोग किया जा सकता है। इस मिश्रण को स्कैल्प पर लगाकर कुछ घंटों बाद बाल को माइल्ड शैम्पू करना चाहिए।3. डैंड्रफ :डैंड्रफ को कम करने में चीकू फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, चीकू फल में मौजूद पॉलीफेनोलिक कंपाउंड एंटी-फंगल गुण प्रदर्शित करता है (12)। एंटी-फंगल गुण डैंड्रफ को कम करने में मदद कर सकते हैं (13)। वहीं, एंटी-इंफ्लामेटरी गुण डैंड्रफ की वजह से होने वाली खुजली को कम करने में लाभदायक साबित हो सकता है (1)।चीकू के पौष्टिक तत्व – Sapota Nutritional Value in Hindiशरीर को चीकू के लाभ इसमें मौजूद पोषक तत्वों की वजह से ही मिलते हैं। यही वजह है कि हम आगे चीकू में मौजूद सभी पोषक तत्व के बारे में बता रहे हैं (14)।पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्रामजल 78 gऊर्जा 83 kcalप्रोटीन 0.44 gकुल फैट 1.1 gकार्बोहाइड्रेट 19.96 gफाइबर 5.3 gमिनरलकैल्शियम 21 mgआयरन 0.8 mgमैग्नीशियम 12 mgफास्फोरस 12 mgपोटेशियम 193 mgसोडियम 12 mgजिंक 0.1 mgकॉपर 0.086mgविटामिनविटामिन सी 14.7 mgनियासिन 0.2 mgफोलेट, टोटल 14 µgकोलीन 34.4 mgविटामिन ए, RAE 3 µgविटामिन ए, IU 60 IUअब हम चीकू का उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है, यह बता रहे हैं। इसके बाद चीकू खाने के नुकसान के बारे में विस्तार से जानेंगे।चीकू का उपयोग – How to Use Sapota(Chiku) in Hindiचीकू के फायदे जानने के बाद इसके उपयोग के विभिन्न तरीकों को जानना भी जरूरी है। चीकू के स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए चीकू का उपयोग कुछ इस तरह से किया जा सकता है (5) (15)।चीकू को सामान्य फल की तरह खाया जा सकता है।इसे फ्रूट सलाद में भी शामिल कर सकते हैं।चीकू का शेक बनाकर भी सेवन किया जा सकता है।चीकू का उपयोग आइसक्रीम बनाने के लिए भी कर सकते हैं।फ्रूट बार बनाकर भी इसे खाया जा सकता है।इसका हलवा भी बनाया जाता है।इसे मुरब्बा व जैम के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।चीकू से स्वीट सॉस भी बनाया जा सकता है।चीकू का उपयोग जानने के बाद इसके नुकसान से भी वाकिफ होना जरूरी है। चलिए, अब चीकू खाने के नुकसान पर एक नजर डाल लेते हैं।चीकू के नुकसान – Side Effects of Sapota in Hindiपूरी तरह से पके हुए चीकू खाने के ऐसे तो कुछ दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलते। हां, अगर कच्चा चीकू या ठीक से न पका हुआ चीकू का सेवन किसी ने किया तो चीकू के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। यह नुकसान कुछ इस प्रकार हैं (5) (16)।कच्चा चीकू फल खाने से मुंह का स्वाद कड़वा हो सकता है। इसके पीछे इसमें मौजूद लेटेक्स और टैनिन की अधिक मात्रा का होना है।मुंह में अल्सर की वजह बन सकता है।इससे गले में खुजली हो सकती है।अपच की समस्या हो सकती है।चीकू के पिसे हुए बीज का सेवन करने से पेट में दर्द हो सकता है। क्योंकि, इसमें सैपोटिन और सैपोटिनिन केमिकल मौजूद होता है।चीकू के पत्तों का सेवन करने से डायरिया और त्वचा पर हल्की खुजली हो सकती है। दरअसल, इसमें सैपोनिन होता है, जो दस्त और त्वचा की जलन का कारण बनता है।उम्मीद करते हैं कि इस लेख के जरिए चीकू खाने के फायदे और इसके विभिन्न हिस्सों के लाभ के बारे में आपको जानकारी मिल ही गई होगी। बस संयमित मात्रा में इसका सेवन स्वास्थ्य लाभ के लिए करते रहें। बस कच्चे फल का सेवन करने से बचें। इसके अलावा, अगर किसी को कोई गंभीर रोग या समस्या हों तो डॉक्टर के परामर्श पर चीकू का उपयोग करें। सपोटा यानी चीकू से संबंधित यह लेख आपके लिए फायदेमंद रहा या नहीं हमें कमेंट बॉक्स के जरिए जरूर बताएं। साथ ही चीकू के फायदे, उपयोग से जुड़े कोई सवाल या सुझाव आपके जहन में हों, तो उन्हें भी आप हम तक पहुंचा सकते हैं। 4464005860401745,

**रट लो👏 रट लो👏* 👌👌👌👌👌*यदि ना पचे तो करें उपाय**-----------------------------------**👉🏻दूध ना पचे तो ~ सोंफ* ,*👉🏻दही ना पचे तो ~ सोंठ*,*👉🏻छाछ ना पचे तो ~जीरा व काली मिर्च**👉🏻अरबी व मूली ना पचे तो ~ अजवायन**👉🏻कड़ी ना पचे तो ~ कड़ी पत्ता,**👉🏻तैल, घी, ना पचे तो ~ कलौंजी...* *👉🏻पनीर ना पचे तो ~ भुना जीरा,**👉🏻भोजन ना पचे तो ~ गर्म जल**👉🏻केला ना पचे तो ~ इलायची* *👉🏻ख़रबूज़ा ना पचे तो ~ मिश्री का उपयोग करें...*1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है।2. *लकवा* - सोडियम की कमी के कारण होता है ।3. *हाई वी पी में* - स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे ।4. *लो बी पी* - सेंधा नमक डालकर पानी पीयें ।5. *कूबड़ निकलना*- फास्फोरस की कमी ।6. *कफ* - फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है । गुड व शहद खाएं 7. *दमा, अस्थमा* - सल्फर की कमी ।8. *सिजेरियन आपरेशन* - आयरन , कैल्शियम की कमी ।9. *सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें* ।10. *अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें* ।11. *जम्भाई*- शरीर में आक्सीजन की कमी ।12. *जुकाम* - जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें ।13. *ताम्बे का पानी* - प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें ।14. *किडनी* - भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये ।15. *गिलास* एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें, लोटे का कम सर्फेसटेन्स होता है ।16. *अस्थमा , मधुमेह , कैंसर* से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।17. *वास्तु* के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा ।18. *परम्परायें* वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं ।19. *पथरी* - अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर है । 20. *RO* का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता । कुएँ का पानी पियें । बारिस का पानी सबसे अच्छा , पानी की सफाई के लिए *सहिजन* की फली सबसे बेहतर है ।21. *सोकर उठते समय* हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का *स्वर* चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।22. *पेट के बल सोने से* हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है । 23. *भोजन* के लिए पूर्व दिशा , *पढाई* के लिए उत्तर दिशा बेहतर है ।24. *HDL* बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा ।25. *गैस की समस्या* होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें ।26. *चीनी* के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से *पित्त* बढ़ता है । 27. *शुक्रोज* हजम नहीं होता है *फ्रेक्टोज* हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।28. *वात* के असर में नींद कम आती है ।29. *कफ* के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है ।30. *कफ* के असर में पढाई कम होती है ।31. *पित्त* के असर में पढाई अधिक होती है ।33. *आँखों के रोग* - कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।34. *शाम को वात*-नाशक चीजें खानी चाहिए ।35. *प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए* ।36. *सोते समय* रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है ।37. *व्यायाम* - *वात रोगियों* के लिए मालिश के बाद व्यायाम , *पित्त वालों* को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए । *कफ के लोगों* को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए ।38. *भारत की जलवायु* वात प्रकृति की है , दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।39. *जो माताएं* घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं ।40. *निद्रा* से *पित्त* शांत होता है , मालिश से *वायु* शांति होती है , उल्टी से *कफ* शांत होता है तथा *उपवास* ( लंघन ) से बुखार शांत होता है ।41. *भारी वस्तुयें* शरीर का रक्तदाब बढाती है , क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है ।42. *दुनियां के महान* वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टीन हों , 43. *माँस खाने वालों* के शरीर से अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं ।44. *तेल हमेशा* गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का , दूध हमेशा पतला पीना चाहिए ।45. *छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है ।* 46. *कोलेस्ट्रोल की बढ़ी* हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है ।47. *मिर्गी दौरे* में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए । 48. *सिरदर्द* में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें ।49. *भोजन के पहले* मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है । 50. *भोजन* के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें । 51. *अवसाद* में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है 52. *पीले केले* में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोडा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमे कैल्शियम अधिक होता है ।53. *छोटे केले* में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है ।54. *रसौली* की गलाने वाली सारी दवाएँ चूने से बनती हैं ।55. हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है ।56. *एंटी टिटनेस* के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दे ।57. *ऐसी चोट* जिसमे खून जम गया हो उसके लिए नैट्रमसल्फ दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें । बच्चो को एक बूंद पानी में डालकर दें । 58. *मोटे लोगों में कैल्शियम* की कमी होती है अतः त्रिफला दें । त्रिकूट ( सोंठ+कालीमिर्च+ मघा पीपली ) भी दे सकते हैं ।59. *अस्थमा में नारियल दें ।* नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है ।दालचीनी + गुड + नारियल दें ।60. *चूना* बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है । 61. *दूध* का सर्फेसटेंसेज कम होने से त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है ।62. *गाय की घी सबसे अधिक पित्तनाशक फिर कफ व वायुनाशक है ।* 63. *जिस भोजन* में सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो उसे नहीं खाना चाहिए 64. *गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।*65. *गाय के दूध* में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है ।66. *मासिक के दौरान* वायु बढ़ जाता है , 3-4 दिन स्त्रियों को उल्टा सोना चाहिए इससे गर्भाशय फैलने का खतरा नहीं रहता है । दर्द की स्थति में गर्म पानी में देशी घी दो चम्मच डालकर पियें ।67. *रात* में आलू खाने से वजन बढ़ता है ।68. *भोजन के* बाद बज्रासन में बैठने से *वात* नियंत्रित होता है ।69. *भोजन* के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।70. *अजवाईन* अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है 71. *अगर पेट* में मल बंध गया है तो अदरक का रस या सोंठ का प्रयोग करें 72. *कब्ज* होने की अवस्था में सुबह पानी पीकर कुछ देर एडियों के बल चलना चाहिए । 73. *रास्ता चलने*, श्रम कार्य के बाद थकने पर या धातु गर्म होने पर दायीं करवट लेटना चाहिए । 74. *जो दिन मे दायीं करवट लेता है तथा रात्रि में बायीं करवट लेता है उसे थकान व शारीरिक पीड़ा कम होती है ।* 75. *बिना कैल्शियम* की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।76. *स्वस्थ्य व्यक्ति* सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है ।77. *भोजन* करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।78. *सुबह के नाश्ते* में फल , *दोपहर को दही* व *रात्रि को दूध* का सेवन करना चाहिए । 79. *रात्रि* को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए । जैसे - दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि । 80. *शौच और भोजन* के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी ना देखें । 81. *मासिक चक्र* के दौरान स्त्री को ठंडे पानी से स्नान , व आग से दूर रहना चाहिए । 82. *जो बीमारी जितनी देर से आती है , वह उतनी देर से जाती भी है ।*83. *जो बीमारी अंदर से आती है , उसका समाधान भी अंदर से ही होना चाहिए ।*84. *एलोपैथी* ने एक ही चीज दी है , दर्द से राहत । आज एलोपैथी की दवाओं के कारण ही लोगों की किडनी , लीवर , आतें , हृदय ख़राब हो रहे हैं । एलोपैथी एक बिमारी खत्म करती है तो दस बिमारी देकर भी जाती है । 85. *खाने* की वस्तु में कभी भी ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए , ब्लड-प्रेशर बढ़ता है । 86 . *रंगों द्वारा* चिकित्सा करने के लिए इंद्रधनुष को समझ लें , पहले जामुनी , फिर नीला ..... अंत में लाल रंग । 87 . *छोटे* बच्चों को सबसे अधिक सोना चाहिए , क्योंकि उनमें वह कफ प्रवृति होती है , स्त्री को भी पुरुष से अधिक विश्राम करना चाहिए 88. *जो सूर्य निकलने* के बाद उठते हैं , उन्हें पेट की भयंकर बीमारियां होती है , क्योंकि बड़ी आँत मल को चूसने लगती है । 89. *बिना शरीर की गंदगी* निकाले स्वास्थ्य शरीर की कल्पना निरर्थक है , मल-मूत्र से 5% , कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने से 22 %, तथा पसीना निकलने लगभग 70 % शरीर से विजातीय तत्व निकलते हैं । 90. *चिंता , क्रोध , ईर्ष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है ।* 91. *गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।*92. *प्रसव* के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है । बच्चो को टीके लगाने की आवश्यकता नहीं होती है ।93. *रात को सोते समय* सर्दियों में देशी मधु लगाकर सोयें त्वचा में निखार आएगा 94. *दुनिया में कोई चीज व्यर्थ नहीं , हमें उपयोग करना आना चाहिए*।95. *जो अपने दुखों* को दूर करके दूसरों के भी दुःखों को दूर करता है , वही मोक्ष का अधिकारी है । 96. *सोने से* आधे घंटे पूर्व जल का सेवन करने से वायु नियंत्रित होती है , लकवा , हार्ट-अटैक का खतरा कम होता है । 97. *स्नान से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब जाने से रक्तचाप नियंत्रित होता है*। 98 . *तेज धूप* में चलने के बाद , शारीरिक श्रम करने के बाद , शौच से आने के तुरंत बाद जल का सेवन निषिद्ध है 99. *त्रिफला अमृत है* जिससे *वात, पित्त , कफ* तीनो शांत होते हैं । इसके अतिरिक्त भोजन के बाद पान व चूना । By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब,🌷🙏🙏🌷100. इस विश्व की सबसे मँहगी *दवा लार* है , जो प्रकृति ने तुम्हें अनमोल दी है ,इसे ना थूकें।*जय जय श्री राधेकृष्णा*🙏🌸🌸*,

कान में मैल जमा होना आम बात है। इससे कान के अंदर बैक्टीरिया और गंदगी नहीं होती है। कान का मैल कान की नलिका को धूल मिट्टी और बैक्‍टीरिया पनपने से रोकता है और कान को सुरक्षा प्रदान करता है। ऐसे में ईयर वैक्‍स यानी कान के मैल से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। ऐसे में घरेलु नुस्खे अपनाकर घर पर कान साफ कर सकते हैं। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब, इसी बीच आज हम आपको कान की वैक्स साफ करने के लिए कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं इन उपाय के बारे में।बेकिंग सोडाइसके लिए आप आधा चम्मच बेकिंग सोडा को 60 मि.ली पानी में मिला लें। फिर इस घोल को ड्रॉपर में डालें। इसके बाद 5-10 इसकी बूंदे कान में डालें।कान को एक घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें। सिर को आप नीचे की तरफ ही झुका कर रखें। फिर कॉटन के कपड़े से मैल और पानी दोनों साफ कर दें।बेबी ऑयलड्रॉपर में आप बेबी ऑयल डालें। फिर इसकी 3-4 बूंद कान में डालकर कॉटन से कान बंद कर दें। 5 मिनट के बाद कॉटन को निकाल दें। ऐसा आप दिन में दो बार भी कर सकते हैं। ऐसा करने से वैक्स बाहर आ जाता है।दूध मलाई की मदद से घर पर ऐसे करें फेशियल, फेस पर दिखेगा जबरदस्त ग्लोलहसुनइसके लिए आप लहसुन की 3-4 कलियां लें। फिर गैस पर एक पैन में नारियल तेल गरम करें। फिर इसमें कुटा लहसुन डाल दें। लहसुन के हल्का भूरा होने के बाद गैस बंद कर दें। इसके बाद तेल के गुनगुना होने पर इसकी कुछ बूंद कान में डालें और कॉटन से कान बंद कर दें।बादाम तेलकान साफ करने के लिए बादाम तेल अच्छा माना जाता है। इसके लिए आप बादाम तेल गुनगुना करें। फिर ड्रॉपर में तेल डालें और इसकी 3-4 बूंद का में डाल दें। कुछ देर बाद वैक्स नरम होकर बाहर निकल आएगा।It is common for the ear to accumulate dirt. This does not cause bacteria and dirt inside the ear. Earwax prevents the ear canal from growing dusty soil and bacteria and provides protection to the ear. In this case, the risk of infection from ear wax is reduced. In this case, you can clean the ears at home by adopting domestic tips. By social worker Vanita Kasani Punjab, meanwhile today we are going to tell you some home remedies to clean ear wax. So let's know about these remedies. Baking soda For this, mix half a teaspoon of baking soda in 60 ml of water. Then pour this solution into the dropper. After this, pour 5-10 drops in the ear. Leave the ear for one hour. Keep your head bent downwards. Then clean both dirt and water with a cotton cloth. Baby oil Put baby oil in the dropper. Then put 3-4 drops in the ear and close the ear with cotton. Remove the cotton after 5 minutes. You can also do this twice a day. By doing this the wax comes out. This is how you get facial at home with the help of milk cream, the face will show tremendous glow Garlic For this, take 3-4 buds of garlic. Then heat the coconut oil in a pan on the gas. Then add ground garlic. Turn off the gas after the garlic turns light brown. After this, when the oil is lukewarm, put a few drops of it in the ear and close the ear with cotton. Almond oil Almond oil is considered good for cleaning the ears. For this, you have to lukewarm almond oil. Then pour oil in the dropper and add 3-4 drops of it. After some time the wax will soften and come out.,