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हल्दी के हैं कई फायदे, बेहतर निखार के लिए जानें कैसे करना है इसे यू BY वनिता कासनियां पंजाब जानें स्किन निखार लाने में कैसे मददगार है हल्दीस्किन के लिए हल्दी है फायदेमंद; Image Credits: istockस्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने में हल्दी एक बेस्ट ऑप्शन मानी जाती है. दरअसल, इसमें कई ऐसी एंटी प्रॉपर्टीज मौजदू होती हैं, जो स्किन से जुड़ी काफी परेशानियों को दूर कर सकती हैं. खास बात है कि ये आसानी से उपलब्ध होने वाली चीज है. इसके इस्तेमाल के कारण स्किन पर निखार पाया जा सकता है. आज हम आपको हल्दी के फायदे बताएंगे और इसे स्किन के लिए कैसे इस्तेमाल में लेना है, ये भी बताएंगे.हल्दी से स्किन की कई परेशानियां खत्म की जा सकती हैंहल्दी से बने इन प्रोडक्ट्स को चुनेंहल्दी के फायदेस्किन के लिए हल्दी काफी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें कई एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी इन्फ्लामेट्री कॉम्पोनेंट्स मौजूद होते हैं. ये स्किन पर आने वाले एक्ने, एक्ने स्कार्स और सनबर्न जैसी परेशानियों को खत्म करने की क्षमता रखी है. ये एक लाइटनिंग एजेंट की तरह काम करती है और स्किन पर आए डार्क सर्कल्स को भी खत्म कर सकती है. इतना ही नहीं इसकी मदद से बल्ड सर्कुलेशन भी बेहतर बनता है. ये स्किन हाइड्रेट और पोषण भी देती है और ये ऑयली स्किन के लिए भी बेस्ट है.हल्दी का कैसे करें इस्तेमाल?1. एक्सफोलिएटर की तरहआप थोड़े बेसन में हल्दी को मिलाकर इसे एक स्क्रब की तरह यूज कर सकते हैं. इससे डेड सेल्स खत्म होंगे और स्किन पर निखार आएगा.2. क्लींजर की तरहआप चावल के आटे के साथ हल्दी को मिलाकर इसे एक क्लींजर के तौर पर यूज कर सकते हैं. इसमें दूध या दही मिलाना और भी बेस्ट रहेगा.T3. ग्लोइंग एजेंट की तरहअगर इसे ग्लोइंग एजेंट की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो हल्दी में शहद को मिलाएं. शहद नेचुरल मॉइश्चराइजर की तरह काम करेगा, वहीं हल्दी ब्राइटनेस लाएगी. इन दोनों का फेस पैक काफी असरदार रहेगा.हल्दी का यूज स्किन के लिए है बेस्ट4. एक्ने को करें दूरस्किन को एक्ने से बचाने के लिए हल्दी, नींबू का रस और शहद को मिलाकर फेस पर लगाएं. अब इसे हल्के गर्म पानी से धोएं.5. नाइट क्रीम की तरह यूज करेंरात में हल्दी को चेहरे पर लगाने के लिए इसे दूध के साथ मिलाएं और फेस पर लगाएं. इस मास्क को तब तक चेहरे पर लगाए रखें, जब तक यह सूख न जाए. सुबह इस मास्क को क्लींजर की मदद से हटाएं.

हल्दी के हैं कई फायदे, बेहतर निखार के लिए जानें कैसे करना है इसे यू By वनिता कासनियां पंजाब जानें स्किन निखार लाने में कैसे मददगार है हल्दी स्किन के लिए हल्दी है फायदेमंद;ĺ स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने में हल्दी एक बेस्ट ऑप्शन मानी जाती है. दरअसल, इसमें कई ऐसी एंटी प्रॉपर्टीज मौजदू होती हैं, जो स्किन से जुड़ी काफी परेशानियों को दूर कर सकती हैं. खास बात है कि ये आसानी से उपलब्ध होने वाली चीज है. इसके इस्तेमाल के कारण स्किन पर निखार पाया जा सकता है. आज हम आपको हल्दी के फायदे बताएंगे और इसे स्किन के लिए कैसे इस्तेमाल में लेना है, ये भी बताएंगे. हल्दी से स्किन की कई परेशानियां खत्म की जा सकती हैं हल्दी से बने इन प्रोडक्ट्स को चुनें हल्दी के फायदे स्किन के लिए हल्दी काफी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें कई एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी इन्फ्लामेट्री कॉम्पोनेंट्स मौजूद होते हैं. ये स्किन पर आने वाले एक्ने, एक्ने स्कार्स और सनबर्न जैसी परेशानियों को खत्म करने की क्षमता रखी है. ये एक लाइटनिंग एजेंट की तरह काम करती है और स्किन पर आए डार्क सर्कल्स को भी खत्म कर सकती है. इतना ही नहीं इसकी मदद से बल्ड सर्कुले...
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भारत में अप्सराओं का इतिहास क्या है? By वनिता कासनियां पंजाब हिन्दू धर्म में अप्सराएँ बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। अप्सराओं से अधिक सुन्दर रचना और किसी की भी नहीं मानी जाती। पृथ्वी पर जो कोई भी स्त्री अत्यंत सुन्दर होती है उसे भी अप्सरा कह कर उनके सौंदर्य को सम्मान दिया जाता है। कहा जाता है कि देवराज इंद्र ने अप्सराओं का निर्माण किया था। कई अप्सराओं की उत्पत्ति परमपिता ब्रह्मा ने भी की थी जिनमे से तिलोत्तमा प्रमुख है। इसके अतिरिक्त कई अप्सराएं महान ऋषिओं की पुत्रियां भी थी। भागवत पुराण के अनुसार अप्सराओं का जन्म महर्षि कश्यप और दक्षपुत्री मुनि से हुआ था। कामदेव और रति से भी कई अप्सराओं की उत्पत्ति बताई जाती है।अप्सराओं का मुख्य कार्य इंद्र एवं अन्य देवताओं को प्रसन्न रखना था। विशेषकर गंधर्वों और अप्सराओं का सहचर्य बहुत घनिष्ठ माना गया है। गंधर्वों का संगीत और अप्सराओं का नृत्य स्वर्ग की शान मानी जाती है। अप्सराएँ पवित्र और अत्यंत सम्माननीय मानी जाती है। अप्सराओं को देवराज इंद्र यदा-कदा महान तपस्वियों की तपस्या भंग करने को भेजते रहते थे। पुराणों में ऐसी कई कथाएं हैं जब किसी तपस्वी की तपस्या से घबराकर, कि कहीं वो त्रिदेवों से स्वर्गलोक ही ना मांग लें, देवराज इंद्र ने कई अप्सराओं को पृथ्वी पर उनकी तपस्या भंग करने को भेजा।अप्सराओं का सौंदर्य ऐसा था कि वे सामान्य तपस्वियों की तपस्या को तो खेल-खेल में भंग कर देती थी। हालाँकि ऐसे भी महान ऋषि हुए हैं जिनकी तपस्या को अप्सरा भंग ना कर पायी और उन्हें उनके श्राप का भाजन करना पड़ा। महान ऋषियों में से एक महर्षि विश्वामित्र की तपस्या को रम्भा भंग ना कर पायी और उसे महर्षि के श्राप को झेलना पड़ा किन्तु बाद में वही विश्वामित्र मेनका के सौंदर्य के आगे हार गए। उर्वशी ने भी कई महान ऋषियों की तपस्या भंग की किन्तु मार्कण्डेय ऋषि के समक्ष पराजित हुई।अप्सराओं को उपदेवियों की श्रेणी का माना जाता है। वे मनचाहा रूप बदल सकती हैं और वरदान एवं श्राप देने में भी सक्षम मानी जाती है। कई अप्सराओं ने अनेक असुरों और दैत्यों के नाश में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। इसमें से तिलोत्तमा का नाम उल्लेखनीय है जो सुन्द-उपसुन्द की मृत्यु का कारण बनी। रम्भा को कुबेर के पुत्र नलकुबेर के पास जाने से जब रावण रोकता है और उसके साथ दुर्व्यहवार करता है तब वो रावण को श्राप देती है कि यदि वो किसी स्त्री को उसकी इच्छा के बिना स्पर्श करेगा तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। उसी श्राप के कारण रावण देवी सीता को उनकी इच्छा के विरुद्ध स्पर्श ना कर सका। उर्वशी ने अर्जुन को 1 वर्ष तक नपुंसक रहने का श्राप दिया था।पुराणों में कुल 1008 अप्सराओं का वर्णन है जिनमे से 108 प्रमुख अप्सराओं की उत्पत्ति देवराज इंद्र ने की थी। उन 108 अप्सराओं में भी 11 अप्सराओं को प्रमुख माना जाता है। उन 11 अप्सराओं में भी 4 अप्सराओं का सौंदर्य अद्वितीय माना गया है। ये हैं - रम्भा, उर्वशी, मेनका और तिलोत्तमा। रम्भा सभी अप्सराओं की प्रधान और रानी है। कई अप्सराएं ऐसी भी हैं जिन्हे पृथ्वीलोक पर रहने का श्राप मिला था जैसे बालि की पत्नी तारा, दैत्यराज शम्बर की पत्नी माया और हनुमान की माता अंजना।अप्सराएँ दो प्रकार की मानी गयी हैं:दैविक: ऐसी अप्सराएँ जो स्वर्ग में निवास करती हैं। रम्भा सहित मुख्य ११ अप्सराओं को दैविक अप्सरा कहा जाता है।लौकिक: ऐसी अप्सराएँ जो पृथ्वी पर निवास करती हैं। जैसे तारा, माया, अंजना इत्यादि। इनकी कुल संख्या ३४ बताई गयी है।मान्यता हैं अप्सराओं का कौमार्य कभी भंग नहीं होता और वो सदैव कुमारी ही बनी रहती है। समागम के बाद अप्सराओं को उनका कौमार्य वापस प्राप्त हो जाता है। उनका सौंदर्य कभी क्षीण नहीं होता और ना ही वे कभी बूढी होती हैं। उनकी आयु भी बहुत अधिक होती है। मार्कण्डेय ऋषि के साथ वार्तालाप करते हुए उर्वशी कहती है - हे महर्षि! मेरे सामने कितने इंद्र आये और कितने इंद्र गए किन्तु मैं वही की वही हूँ। जब तक 14 इंद्र मेरे समक्ष इन्द्रपद को नहीं भोग लेते मेरी मृत्यु नहीं होगी।ये भी जानने योग्य है कि भारतवर्ष का सर्वाधिक प्रतापी पुरुवंश स्वयं अप्सरा उर्वशी की देन है। उनके पूर्वज पुरुरवा ने उर्वशी से विवाह किया जिससे आगे पुरुवंश चला जिसमे ययाति, पुरु, यदु, दुष्यंत, भरत, कुरु, हस्ती, शांतनु, भीष्म और श्रीकृष्ण पांडव जैसे महान राजाओं और योद्धाओं ने जन्म लिया। अन्य संस्कृतियों में जैसे ग्रीक धर्म में भी अप्सराओं का वर्णन है। इसके अतिरिक्त कई देशों जिनमे से इंडोनेशिया, कम्बोडिया, चीन और जावा में अप्सराओं का बहुत प्रभाव है।आइये मुख्य अप्सराओं के विषय में जानते हैं:प्रधान अप्सरा - रम्भा3 सर्वोत्तम अप्सराएँ: उर्वशी, मेनका, तिलोत्तमा7 प्रमुख अप्सराएँ: कृतस्थली, पुंजिकस्थला, प्रम्लोचा, अनुम्लोचा, घृताची, वर्चा, पूर्वचित्तिअन्य प्रमुख अप्सराएँ: अम्बिका, अलम्वुषा, अनावद्या, अनुचना, अरुणा, असिता, बुदबुदा, चन्द्रज्योत्सना, देवी, गुनमुख्या, गुनुवरा, हर्षा, इन्द्रलक्ष्मी, काम्या, कांचन माला, कर्णिका, केशिनी, कुंडला हारिणी, क्षेमा, लता, लक्ष्मना, मनोरमा, मारिची, मिश्रास्थला, मृगाक्षी, नाभिदर्शना, पूर्वचिट्टी, पुष्पदेहा, भूषिणी, रक्षित, रत्नमाला, ऋतुशला, साहजन्या, समीची, सौरभेदी, शारद्वती, शुचिका, सोमी, सुवाहु, सुगंधा, सुप्रिया, सुरजा, सुरसा, सुराता, शशि इत्यादि। , ,चित्र स्रोत: गूगल

भारत में अप्सराओं का इतिहास क्या है? By वनिता कासनियां पंजाब हिन्दू धर्म में अप्सराएँ बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। अप्सराओं से अधिक सुन्दर रचना और किसी की भी नहीं मानी जाती। पृथ्वी पर जो कोई भी स्त्री अत्यंत सुन्दर होती है उसे भी अप्सरा कह कर उनके सौंदर्य को सम्मान दिया जाता है। कहा जाता है कि देवराज इंद्र ने अप्सराओं का निर्माण किया था। कई अप्सराओं की उत्पत्ति परमपिता ब्रह्मा ने भी की थी जिनमे से  तिलोत्तमा  प्रमुख है। इसके अतिरिक्त कई अप्सराएं महान ऋषिओं की पुत्रियां भी थी। भागवत पुराण के अनुसार अप्सराओं का जन्म महर्षि कश्यप और दक्षपुत्री मुनि से हुआ था। कामदेव और रति से भी कई अप्सराओं की उत्पत्ति बताई जाती है। अप्सराओं का मुख्य कार्य इंद्र एवं अन्य देवताओं को प्रसन्न रखना था। विशेषकर गंधर्वों और अप्सराओं का सहचर्य बहुत घनिष्ठ माना गया है। गंधर्वों का संगीत और अप्सराओं का नृत्य स्वर्ग की शान मानी जाती है। अप्सराएँ पवित्र और अत्यंत सम्माननीय मानी जाती है। अप्सराओं को देवराज इंद्र यदा-कदा महान तपस्वियों की तपस्या भंग करने को भेजते रहते थे। पुराणों में ऐसी कई कथाएं हैं जब किस...

Aloe Vera Business Kaise Shuru Kare : खेती करना पसंद है, तो करे ऐलोवेरा का बिजनस By वनिता कासनियां पंजाब अगर आपको सुबह से लेकर शाम तक जॉब करना पसंद नहीं है। लेकिन आपको मजबूरन करना पड़ रहा है क्योंकि आपको समझ मे नहीं आ रहा है कि कौन सा काम शुरू करू ताकि मे अच्छी कमाई कर सकु। लेकिन आपके पास बिजनस मे निवेश करने के लिए बहुत कम बजट है तो ऐसा ही एक बिजनस Aloe Vera का भी है। जिसकी आज के समय मे अच्छी डिमांड भी है।अगर आप इस बिजनस के बारे मे पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो लेख को पूरा पढे। इस लेख मे हम आपको एलोवीरा बिजनस के बारे मे पूरी जानकारी देने वाले है, ताकि कोई भी प्रसन इस बिजनस को आसानी से शुरू कर सके। इस लेख मे हम जानेंगे कि एलोवीरा बिजनस कैसे शुरू करे। Aloe Vera Business Kaise Shuru Kareएलोवीरा का बिजनस प्रकर्ति से जुड़ा हुआ है। यह औषधि के रूप मे इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए यह बिजनस एक मुनाफे वाला बिजनस हो सकता है अगर इसकी सही जानकारी प्राप्त करके शुरू किया जाए।ऐलोवेरा का बिजनस कैसे करें ?एलोवेरा Aloe Vera का इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स (Beauty products), औषधि (Medicine)और खाद्य पदार्थों(Food Products) किया जाता है।जिसके कारण इसकी डिमांड देश से लेकर विदेशों तक है। इस बिजनस को करने के लिए आपके पास तो ऑप्शन होते है पहला एलोवीरा की खेती करके दूसरा इसका जूस या पाउडर बनाकर। अगर आप खेती करने के लिए जगह है तो आप खेती कर सकते है।लेकिन अगर आपके पास जगह नहीं है, तो आप इसका जूस या पाउडर बनाने के लिए प्लांट या मशीन लगा सकते है। मशीन या प्लांट लगाने की तुलना मे एलोवीरा की खेती करने मे ज्यादा निवेश करना होता है। एलोवीरा Aloe Vera विटामिन और खनिज से भरपूर है जिसमे एंटीबायोटिक और एंटीफंगल जैसे पदार्थ शामिल है।एलोवरा की प्रमुख प्रजातियाँदेश मे एलोवेरा की अनेकों प्रजातिया लेकिन उनमे से कुछ ही ऐसी प्रजाति है जिनकी हमारे देश मे खेती की जाती है। जैसे कि एलो अब्यस्सिनिका,लित्तोराल्लिस, चैन्सिस, इसके अलावा भारत मे इसकी और भी प्रजाति पाई जाती है। आईईसी 111269, आईईसी 111271, एएएल1,एलोवरा की खेती कैसे करेएलोवीरा Aloe Vera की खेती करके के लिए एक हेक्टेयर भूमि मे 40 से 50 टन तक पैदावार हो जाती है। खेती करने के लिए सबसे पहले खेत की जुताई करके उसमे गोबर खाद , फास्फोरस पोटाश और यूरिया को मिलकर अच्छे से छिड़काव किया जाता है। उसके बाद फिर से खेत की जुताई करके आप इसमे एलोवीरा के पौधों का रोपण कर सकते है।एक हेक्टेयर भूमि मे कम से कम 10 टन गोबर की खाद , 150 किलो , फास्फोरस , 33 किलो पोटाश , 120 किलो यूरिया का इस्तेमाल किया जाता है।एलोवरा की खेती करने के लिए स्थानइसकी खेती करने के लिए वर्षा और नम क्षेत्र की जरूरत होती है। अगर खेती करने के लिए जमीन थोड़ी ऊंचाई पर हो तो शुष्क क्षेत्र मे भी इसकी अच्छी पैदावार हो सकती है। दोमट या रेतली मिट्टी को इसकी खेती के लिए बेहतर माना जाता है। पैदावार करने के समय ज्यादा पानी आपकी फसलों को नुकसान पहुचा सकता है।एलोवीरा के पौधों की खेती करने के लिए छोटी छोटी क्यारियों को बनाकर उसमे पौधों को लगाया जाता है। एक पौधे की दूसरे पौधे से दूरी लगभग 50 सेंटीमीटर होनी चाहिए। इसकि खेती करना का सबसे अच्छा समय फरवरी – मार्च और जून- जुलाई का महीना माना जाता है।एक हेक्टेयर भूमि में लगभग दस हजार पौधे लगाए जा सकते है। पौधे लगाने के बाद हल्के पानी से इनकी सिंचाई करे। पौधे लगने के 8 से 9 महीने मे यह कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है। एलोवेरा के पौधे एक बार लगाने के बाद आप इसकी फसल को तीन वर्ष तक काट सकते है।पहले वर्ष मे उसकी उत्पादन अक्षमता लगभग 50 टन हो जाती है तो दूसरे वर्ष मे इसके उत्पादन 15 से 20 प्रतिशत तक वृद्धि हो जाती है।खर्च कितना आएगा ?अगर आपके पास खेती करने के लिए पहले से खुद की जमीन है, तो आपको ऐलोवेरा की खेती करने के लिए आपको शुरुआत मे कम से कम 50 हजार रुपये का निवेश करना होगा। लेकिन अगर आपके पास जमीन नहीं है तो आपको उसे रेंट या ठेके पर लेना होगा। एलोवीरा की कटाई करने के बाद आप इसे ऐलोवेरा मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों या मंडियों मे बेच सकते है।लेकिन अगर आप इसकी खेती नहीं करना चाहते है , तो आप इसका प्लांट लगाकर जेल जूस या पाउडर बनाकर भी बेच सकते है। इस प्लांट को लगाने के लिए आपको कम से कम 4 से 5 लाख रुपये खर्च करने होंगे।एलोवेरा बिजनस से होने वाली कमाईअगर आप Aloe Vera की खेती का बिजनस शुरू करते है, तो हम यहा पर आपको एक हेक्टेयर जमीन की खेती के हिसाब से कुछ कमाई के आँकड़े बता रहे है। एक हेक्टेयर जमीन मे आप 50 से 60 हजार रुपये का निवेश करके आप पाँच से छह लाख रुपये तक कमा सकते है। अगर आपकी खेती की जमीन बढ़ेगी तो आपकी कमाई भी बढ़ेगी।वही अगर आप अपनी कमाई महीने या दिनों के हिसाब के करना चाहते है, तो आप इसका प्लांट लगाकर लाखों रुपये महीने तक कमा सकते है।एलोवीरा से बनने वाले प्रोडक्ट की मार्केट मे काफी डिमांड है जैसे कि कॉस्मेटिक आइटम्स , मेडिकल, फार्मास्युटिकल, एलोवेरा जूस, लोशन, क्रीम, जेल, शैम्पू इत्यादि इनमे से आप कोई सा भी प्रोडक्ट बनाकर कमाई कर सकते है। एलोवीरा से आप मे आप हैंड वॉश सोप बनाने का व्यवसाय भी शुरू कर सकते है।अगर आप Future Business Ideas, Startup Tips, Marketing Tip के बारें में विस्तार से जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप गूगल पर जाकर ultimate guider Business ideas hindi सर्च करें। अगर आप किसी भी बिजनेस के बारें में हमसे सलाह चाहते हैं तो आप हमें वो भी बता सकते हैं।एलोवेरा जैल या जूस को निकालने वाली मशीन कैसे खरीदेएलोवेरा जेल, जूस या पाउडर बनाने वाली मशीन को आप मार्केट मे आसानी से खरीद सकते है या आप इसे इंडियमार्ट ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से भी खरीद सकते है।Vnita Kasnia Punjabएलोवेरा जैल या जूस के बिजनस शुरू करने के लिए सरकारी दस्तावेज लाइसेंस कैसे लेअगर आप एलोवीरा की खेती करते है, तो आपको किसी कागजी कानूनी प्रकिरीय से होकर नहीं गुजरना पड़ता है।लेकिन अगर आप एलोवीरा का मनयुफेकचरिंग प्लांट लगाकर उसे प्रोडक्ट, जेल या फिर जूस बनना चाहते है, तो आपको कागजी प्रकिरीय से होकर गुजरना होता है। उसके लिए आपको विशेष लाइसेंस प्राप्त करना होगा।सबसे पहले आपको अपनी फेक्टरी या कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। आपको कंपनी का रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस राज्य के सरकारी प्राधिकरण द्वारा करना होता है। गाँव मे काम शुरू किये जाने वाले टॉप बिजनेस आइडियाजआपको अपने बिजनस को एमएसएमई उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आवेदन करके आपको एनओसी सर्टिफिकेट भी लेना होगा।इन सब कामों को करने के बाद आपको आपको अपनी रजिस्टर्ड कंपनी या फर्म का पेन कार्ड या बेंक अकाउंट भी ओपन करना होगा।

Aloe Vera Business Kaise Shuru Kare : खेती करना पसंद है, तो करे ऐलोवेरा का बिजनस By वनिता कासनियां पंजाब अगर आपको सुबह से लेकर शाम तक जॉब करना पसंद नहीं है। लेकिन आपको मजबूरन करना पड़ रहा है क्योंकि आपको समझ मे नहीं आ रहा है कि कौन सा काम शुरू करू ताकि मे अच्छी कमाई कर सकु। लेकिन आपके पास बिजनस मे निवेश करने के लिए बहुत कम बजट है तो ऐसा ही एक बिजनस Aloe Vera का भी है। जिसकी आज के समय मे अच्छी डिमांड भी है। अगर आप इस बिजनस के बारे मे पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो लेख को पूरा पढे। इस लेख मे हम आपको एलोवीरा बिजनस के बारे मे पूरी जानकारी देने वाले है, ताकि कोई भी प्रसन इस बिजनस को आसानी से शुरू कर सके। इस लेख मे हम जानेंगे कि एलोवीरा बिजनस कैसे शुरू करे। Aloe Vera Business Kaise Shuru Kare एलोवीरा का बिजनस प्रकर्ति से जुड़ा हुआ है। यह औषधि के रूप मे इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए यह बिजनस एक मुनाफे वाला बिजनस हो सकता है अगर इसकी सही जानकारी प्राप्त करके शुरू किया जाए। ऐलोवेरा का बिजनस कैसे करें ? एलोवेरा Aloe Vera का इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स (Beauty products), औषधि (Medicine)और खा...
आपकी त्वचा के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है एलोवेरा जेल, जानिए इसके स्किन बेनिफिट्स By वनिता कासनियां पंजाब  , ए लोवेरा अपने आप में फायदेमंद है। लेकिन जब बात त्वचा की आती है, तो एलोवेरा जेल का कोई मुकाबला नहीं हैं। इसलिए ये आपकी स्किन केयर रूटीन का खास हिस्सा बन सकता है। गर्मी का मौसम आपको त्वचा के प्रति निर्दयी हो सकता है। आपको न केवल बहुत सारी शारीरिक परेशानी महसूस होगी बल्कि आधे घंटे तक धूप में रहने से आपकी त्वचा डल और टैन हो सकती है। जब हम टैन की बा करते हैं, तो यह उस तरह की टैनिंग नहीं है जो आपक खूबसूरत बनाती है। गर्मी के मौसम में धूप में निकलने स आपको जल्दी झुर्रियां पड़ सकती हैं और चेहरे प रंजकताका प्रभाव अधिक हो सकता है यदि आप बहुत ज्यादा बाहर निकलते हैं और आपको अधिक धूप लगती है, तो समस्या का सबसे अच्छा समाधान एलोवेरा जेल प्राप्त करना है। एलोवेरा के पौधे लगभग हर घर में पाए जाते हैं। साथ ही, इन पौधों का रखरखाव करना बिल्कुल भी कठिन नहीं है। इस पौधे से मिलने वाला जेल विटामिन ए, सी, ई और बी12 से भरपूर होता है। यह त्वचा के लिए किसी मृग कस्तूरी से कम नहीं होता है। चेहरे पर एलोवेर...