Kitchen Garden Tips – घर में आसानी से ऐसे उगाए करी पत्ते का पौधा -Right Way to Grow Curry Leaf PlantKitchen Garden Tips –By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब, घर में आसानी से ऐसे उगाए करी पत्ते का पौधाकरी पत्ता हमारे किचन का बहुत ही उपयोगी सामग्री है, ये खाने का जायका तो बढ़ाता ही है, साथ ही साथ ये बहुत ही फायदेमंद भी होता है हमारी सेहत के लिएकई बार हमें कोई रेसिपी बनानी हो और करी पत्ता होता नहीं है, खास कर दक्षिण भारत की हर रेसिपीज में करी पत्ता डलता ही डलता है, लेकिन कई बार फ्रेश करी पत्ते हमें नहीं मिलते और इसके कारण हमारे खाने का फ्लेवर सही से नहीं आ पाता है, बालों को स्वस्थ रखने और कई बीमारियों को दूर करने के लिए भी करीपत्ते का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में करी पत्ते का ज्यादा सेवन भी सही है पर हर बार फ्रेश करी पत्ता मिलना मुश्किल हो जाता है इसलिए आज मैं आपको घर के किचन में ही बहुत ही बढ़िया फ्रेश करी पत्ते उगाने की विधि बता रही हूं.अगर आप बार बार करी पत्ता खरीद कर परेशान हो गए है, तो आप उन्हे आसानी से घर पर लगा सकती है.जानिए लगाने का तरीकाजिस से आप घर के किचन गार्डन में आसानी से करी पत्ता उगा सकते है, और आपको जब जरूरत हो बाज़ार से लेने कि भी जरूरत नहीं, घर का फ्रेश करी पत्ता आपके हमेशा काम आएगा.अगर आपके घर के आस पास करी पत्ता का पेड़ है तो आप आसानी से उगा सकते है, अगर नहीं है तो बाज़ार से ले सकते है क्यों कि यही 2 तरीके से करी पत्ता उगाया जा सकता है.* बीज मिलने पर – अगर आपको करी पत्ते के बीज मिल जाते है, तो उसे एक ग्लास पानी में डाल कर चेक कर ले अगर बीज पानी में डूब जाए तो ये उगाने लायक है, अगर नहीं तो उसे इस्तेमाल ना करे, अगर आप सीधे करी पत्ते के पेड़ से बीज ले रहे है तो उसे अच्छे से साफ कर लीजिए.बीज को 5-6 घंटे पानी में डूबा रहने दे.* अब ऐसे उगाए – आप इसे सीधे गमले में लगा सकते है, एक साथ 3-4 बीज ग्रो करे, अच्छी पत्तियों वाला करी पत्ता कई बीज लगाने से ही उगता है, सिर्फ एक बीज ना लगाए.ऐसे में आप इसे आराम से लगाए, अगर आपके पास खाद है तो मिट्टी में मिला सकती है, नहीं तो थोड़ी सी रेत या सूखा गोबर भी अच्छा काम करता है इसे उगाने में. जनवरी 23, 2021 और पढ़ें
कुलवर्धन से गूंजी हमारे घर मे खुशियो की किलकारिया नमस्कार, दोस्तो मेरा नाम वनिता है और मेरा यह ब्लॉग लिखने का सिर्फ इतना ही मकसद है के बांझपन की समस्या की वजह से, जिस दुख और दर्द से, मै और मेरे हसबैंड गुजरे है उससे कोई और युगल ना गुजरे। 4.5 वर्ष। क्या आप कल्पना भी कर सकते हैं, के साथ अगर एक महिला शादी के 4.5 साल बाद तक भी माँ नहीं बन पाए तो उसको और उसके पति को कितनी दुखो और कितनी जिल्लतों से गुजरना पड़ता है। सच तो यह है के, मै नहीं चाहता, के आप लोग इसकी कल्पना भी करते हैं। क्यूकि इस संसार का सबसे बड़ा दुख यही है के आप औलाद के सुख से वंचित रहें। शादी के बाद मेरे कानून में परिवार की हमसे सबसे बड़ी उम्मीद थी के लिए, हम उनके वंश को आगे बढ़ाये और जल्द ही जल्द ही हमारे घर के आँगन मे खुशीओं की किलकारिया गूँजे। लेकिन कई बार हमारे सपनो को किसी की बुरी नज़र लग जाती है। मेरी शादी को 2 साल गुज़र चुके थे लेकिन अभी तक हमारा माता-पिता बनने का सपना अधूरा ही था। अब हमे लगने लगा था के हमे एक अच्छे डॉक्टर की सलाह की जरूरत है, इसीलिए हमने अपने शहर की सबसे अच्छी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने का फैसला किया। मै उन गायनोकोलॉजिस्ट का, या फिर उनके अस्पताल का नाम यहा पर उल्लेख नहीं करना चहुँगी क्यूकि मेरा यह ब्लॉग लिखें का मकसद किसी को नीचा दिखना नहीं, बल्कि बांझपन से झुज़ रहे निसंतान दंपतियों को एक राह दिखाना। स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने पर उन्होने हमारी सभी समस्याओं को सुनने के बाद हमे कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दी, जिनमे मेरे FSH, LH, AMH, TSH टेस्ट लिखे, और मेरे पति का वीर्य विश्लेषण परीक्षण लिखा था। डॉ के अनुसार, हमने अपने सभी परीक्षणों करवाते, ओर टेस्ट रिपोर्ट मिलने पर हमने दुबारा से अपने डॉ के साथ परामर्श किया, रिपोर्ट को देखने के बाद हमारे डॉक्टर ने हमे बताया के मुझे पीसीओडी की समस्या है और मेरे पति का वीर्य गणना ओर वीर्य मोटिवनेस दोनों ही कम है। समस्या निदान में ही हमने अपने डॉक्टर के अनुसार उपचार शुरू कर दिया। उपचार शुरू होने के बाद मुझे बड़ी उम्मीद थी के अब मै जल्द ही माँ बन जाऊँगी क्यूकि हम अपने शहर की बस्ट स्त्री रोग विशेषज्ञ से इलाज ले रहे थे और हर इंसान बस्त डॉक्टर के पास जाकर येही सोचता है के अब उसकी बीमारी का ईलाज ही होगा। 6 महीने लगातार दवाईया खाने के बाद भी, जब हमे किसी भी तरह का कोई नतीजा नहीं मिला, तो हमने एक बार फिर से अपने डॉक्टर के साथ परामर्श करने का फैसला किया, इस बार की परामर्श के दावे, अपने मन का संदेह स्पष्ट करने के लिए। के लिए, मैंने अपने डॉक्टर से एक प्रशन पूछा, के डॉ जी और कितनी देर लग सकता है हमारी इस समस्या को ठीक होने मे, क्यूकि पिछले 6 महीने पहले की परीक्षण रिपोर्ट मे ओर इस बार दुबारा से करवाये गये सभी परीक्षण की रिपोर्ट में किसी को भी तरह की कोई सुधार नहीं हुयी थी, ना तो मेरे पीसीओडी की समस्या मे ओर ना ही मेरे पति की वीर्य की प्रोब्लेम। इस बार की रिपोर्ट भी पहले की तरह एक समान थी, रिपोर्ट को देखने के बाद ओर मेरे पूछने पर, उन्होने ने मुझे जवाब दिया, के आरती आपके इस प्रशन का मेरे पास कोई भी जवाब नहीं है, कितना भी वक़्त लग सकता है। डॉक्टर की इस बात को सुनकर मेरे तनाव का स्तर और बढ़ने लगा। मेरे पति की टेस्ट रिपोर्ट मेरी टेस्ट रिपोर्ट खैर, अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ की बात मानने के इलवा हमारे पास दूसरा कोई ओर रास्ता भी तो नहीं था, इसीलिए हमने इलाज को जारी रखने का फैसला किया। इस बार हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ ने हमे कुछ नई दवाईया की सिफारिश की ओर से हमे आश्वासन दिया है कि बहुत जल्द ही मेरी माँ बनने का सपना पूरा होगा। वक़्त गुजरता जा रहा था और उपचार चलता रहा था, लेकिन अभी तक किसी भी तरह की कोई उम्मीद नहीं दिख रही थी। सबसे ज्यादा बुरा तो मुझे तब लगता था जब कोई पुछता था के आरती गुड न्यूज कब दे रही हो। 6 महीने और बीत गए और हम आज भी मायूस ही थे। इसलिए हमने अपने डॉक्टर से दुबारा से परामर्श किया और परामर्श करने पर डॉक्टर ने हमे पहले से हुवे सभी टेस्टो को दुबारा से करवाने की सलाह दी, क्यूकि नई परीक्षण रिपोर्ट को देखकर वोह से सनुचित करना चाहता था के पिछले 6 महीने मे इस बार बहुत सुधार हुआ हुयी है। उनके कहने के अनुसार हमने अपने सभी टेस्टो को दुबारा से करवा लिया ओर रिपोर्ट आने पर डॉ के पास चले गए हैं। टेस्ट रिपोर्ट को देखने के बाद जब हमारे डॉक्टर ने हमे यह बताया के इस बार भी, कोई सुधार नहीं हुयी है, तो उनकी यह बात सुनते ही मै और मेरे हसबैंड दंग रह गए। मानो जैसे पूरा साल पढ़ाई करने के बाद किसी छात्र ने परीक्षा दी हो और रिजल्ट आने पर उसे पता चले के वोह फ़ेल हो गया है।] मेरी हसबेंड ओर मेरी भी येही हालत थी। मेरे हसबेंड को तो यकीन ही नहीं हो रहा के साथ हम अपने शहर की बस्त स्त्री रोग विशेषज्ञ से अपना इलाज ले रहे है, और हमारी प्रोब्लेब मे 1 भी परसेंट सुधार नहीं हो रही है, क्यूकि पिछले 1 साल से लगातार दवाई खाने के बाद भी हमारे हाथ मे निराशा ही शुरू हो गई थी। इसीलिए अब हमने डॉक्टर बदलने का फैसला लिया। नए डॉ ने भी हमारे कुछ टेस्ट किए और रिपोर्ट आने पर उन्होने भी हमे कुछ दवा दी। इसलिए डॉक्टर के अनुसार हमने उनकी बताई हुयी दवाओं को अगले 8 महीनों तक लगातार लिया लेकिन, फिर भी हम किसी भी तरह का कोई इलाज नहीं मिला। और अब हमे हमारे माता पिता बनने का सपना भी एक सपना बंता हुवा नज़र आ रहा था। जब हम भी अपने डॉक्टर से पूछते के डॉ साहिब से कोई उम्मीद है के हम भी कभी माता पिता बनकेंगे, तो हमे अपने डॉ साहिब की तरफ से बस एक ही रटा रटाया जवाब मिलता के आईवीएफ करवा लीजिये? अब बस येही एक रास्ता आपके पास है। अब तो हमे भी IVF के इलावा दूसरा कोई ओर रास्ता नज़र नहीं आ रहा था। इसीलिए मेरे पति ने अपने परिवार से इसके बारे में चर्चा की। लेकिन मेरे ससुराल परिवार ने IVF के लिए मना कर दिया, क्यूकि उनका मानना था कि IVF करवाने से पहले हमे आयुर्वेद मे भी एक बार अपना इलाज करवाना चाहिए, लेकिन मै ओर मेरी हसबेंड आयुर्वेद पर ज्यादा विश्वास नहीं था। इसीलिए मेरे हसबेंड ने अपनी फैमिली को फोर्स करके IVF के लिए मना ही लिया। ससुराल परिवार की तरफ से हा मिलते ही हमने जल्दी से आईवीएफ की प्रक्रिया शुरू कर दी। आगे बढ़ने से पहले मा आपको एक बात जरूर बताना चहुँगी के आईवीएफ एक बहुत ही नाजुक और दर्दनाक प्रक्रिया है। इतना अधिक दर्दनाक के मै इसको शब्दो मे बयान नहीं कर सकता। फिर भी एक महिला माँ बनने के लिए IVF जैसी दर्दनाक प्रक्रिया से भी गुजरने को तैयार हो जाती है। IVF से पहले डॉक्टर ने अपनी परामर्श के परीक्षणन हमे इतना सकारात्मक कर दिया था के उनकी बातें सुन कर मुझे ऐसा लगता था के अब बस IVF के बाद मेरा माँ बनने का सपना पुरा होने ही वाला है। लेकिन शायद हमारी किस्मत मे अभी और दुखो को झेलना लिखा था। मेरा आईवीएफ भी सफल नहीं हुवा। अब मुझे पुरी तरह से यक़ीन हो गया के मा अब कभी भी माँ नहीं बन सकती थी। लेकिन मेरे पति IVF फ़ेल होने के बाद, भी उम्मीद थी के कुछ ना रास्ता जरूर निकल आयेगा। उसी उम्मीद के साथ अब मेरे हसबेंड ने आयुर्वेद मे इस समस्या का ईलाज ढूंदना शुरू कर दिया। वोह देर रात तक इंटरनेट पर खोज करते रहते हैं के साथ आयुर्वेद मे ही इस समस्या का कोई सटीक ईलाज मिल होना चाहिए। अपनी इस खोज के जागरण, एक दिन मेरे पति को कुलवर्धन दवा के बारे में पता चला। उन्होने मुझे भी इसके बारे में बताया, के बहुत सारे Infertile Couples जो उम्मीदहीन हो चुके हैं Infertility की समस्या की वजह से ओर थक चुके थे हमारी तरह Doctors के पास अपना ईलाज करवा करवा कर, ऐसी उम्मीद जोड़े के लिए एक आशा बन गई है। कुलवर्धक कुलवर्द्धक दवा में बहुत सारे इन्फर्टाइल कपल्स के माता-पिता बनने का सपना पूरा हो चुका है। लेकिन सच कहू तो मुझे इस बात पर बिलकुल भी यकीन नहीं हुवा के सच मे कुलवर्धक दवा इनफर्टाइल कपल्स के लिए इतनी प्रभावी दवा हो सकती है। इसिलिये मैंने अपने पति से कहा के हम अपने शहर के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों से अपना इलाज ले चुके है जब उनके इलाज से हमे कोई रिवाल्ट नहीं मिला तो यह कुलवर्धक दवा से क्या होगा। मेरे पति ने मुझे कहा, के कुलवर्धक दवा को भी एक बार कोशिश करने मे क्या समस्या है, मैंने इस दवा को इस्तेमाल करने वाले लोगो के समीक्षाएँ ग्रस्त है और 90% लोगो ने इस दवा के बारे में सकारात्मक समीक्षा ही की है। और इसी तरह हम भी IVF ओर बाकी सभी उपचारों पर इतना पैसा बर्बाद कर चुके हैं, तो इस कुलवर्द्धक को भी कोशिश करने मे क्या हर्बा है, एलायंस है, क्या पता हमे परिणाम केवल मिल होना चाहिए। ओर भी इसके पूरे 4 महीने के कोर्स की कीमत 4200 रुपये ही है। इससे ज्यादा पैसा तो हमें डॉ। इलाज शुरू होने से पहले ही ले लेता था दुनिया भर के परीक्षणों करवाकर। तो इसको भी कोशिश करने मे मे क्या प्रोब्लेम है। उनके इतना बल करने पर मै मान ही जोड़ा और हमने इसे भी एक बार कोशिश करने का फैसला लिया। लेकिन सच पूछे तो मुझे इस कुलवर्धक से कुछ ज्यादा उम्मीदे नहीं थे। यह तो बस मैंने अपने पति की खुशी के लिए मँगवाने का फैसला लिया था। खैर भर्ती करने के कुछ दिन बाद ही हमे कुलवर्द्धक दवा की डिलीवरी मिल ही गयी, और दवा के मिलते ही मैंने ओर मेरी हसबेंड ने निरदेश के अनुसार इस दवा का कोर्स शुरू कर दिया। प्रोब्लेम मेरे ओर मेरे हसबेंड दोनों मे था इसीलिये हमने अपने दोनों के लिए ही मैडिसिन मँगवायी। कुलवर्पर मे पुरुष ओर महिला दोनों के लिए अलग अलग मैडिसिन आती है। वक़्त बीतता गया, ओर हमारा कुलवर्धक का कोर्स चलता है। कुलवर्धक का टोटल कोर्स 4 महीने का था और हमे दवा लेते हुवे 3 महीने बीत गए थे लेकिन हमे अभी भी किसी भी तरह का कोई रिवाल्ट नहीं मिला था। मुझे अब लगने लगा था के शायद आयुर्वेद मे भी इस समस्या का कोई उपचार नहीं है। लेकिन अभी तक 1 महीने का कोर्स ओर बाकी था ओर मेरी हसबेंड को पूरी उम्मीद थी के इस बार हमे जरूर रिवल्ट मिलेगा। कुलवर्पर का कोर्स खतम हुवा। कोर्स खाम होने के 1 महीने बाद हमारे साथ वोह हुवा जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी। मेरी गर्भावस्था परीक्षण रिपोर्ट सकारात्मक आयी। आज भी जब मै उस लम्हे को याद करता हूँ तो मै भावुक हो जाता हूँ, उस लम्हे को ब्यान करने के लिए आज भी मेरा पास शब्द नहीं है, आज भी इस ब्लॉग को लिखते हैं मेरी आंखो मे आँसू भर आये है। शायद एक महिला, जो के इस वक़्त से गुजर चुकी है या फिर गुजर रही है वोह मेरे उस खुशी के लम्हे को समझ सकती है।] हमारे घर आयी एक नन्ही परी उस दिन मुझे इस बात पर पूरी तरह से यकीन हो गया के मॉडर्न विज्ञान और बड़े बड़े अस्पताल जिन बीमारियो के आगे हार मान लेते हैं वो उन लाईलाज बीमारियो मे भी आयुर्वेद चमत्कार कर के दिखाता है। लेकिन मेरे मन मे अभी भी एक सवाल था के कुलवर्द्धक दवा मे ऐसा क्या खास है के, मेरी और मेरे हसबेंड की जिस समस्या को हमारे शहर के बस्त डॉक्टर्स 2 साल मे भी ठीक नहीं कर पाए उसे कुलवर्धक ने केवल 4 महीने मे ठीक कर दिया दिया हुआ। इसी जानकारी को पाने के लिए मैंने कुलवर्धक दवा का निर्माण करने वाली कंपनी मे फोन किया। और वह के सीनियर डॉक्टर से बात की। वहा के सीनियर डॉक्टर को जब मैंने यह बताया के हमने कुलवर्धक का कोर्स किया था ओर हमे इसके सकारात्मक रिजल्ट्स मिले हैं, तो मेरी इस बात को सुनकर उन्होने सबसे पहले तो मुझे जीत दी और फिर उन्होने मुझे बताया कि हर दिन बहुत सारे निसंतान दंपति हमपे कॉल द्वारा इस बात की सूचना देते है के क्यी वर्षों के असफल इलाज के बाद भी, कुलवर्धक ने अपने माता-पिता के सपने को पूरा करने के लिए किया है। उन्होने मुझे दवा की जानकारी देते हुवे बताया के कुलवर्धक ओषधि का निर्माण आयुर्वेद की एक बड़ी ही प्राचीन विधि के अनुसार किया गया है और इसका निर्माण विधि ही इसमे सबसे प्रमुख है। इसका निर्माण विधि मे आयुर्वेद की हर बात का ध्यान बड़ा ध्यान से रखा गया है जैसे के कौन सी जड़ी बूटी को कब कब और किस ऋतु मे निकालना है, कौन जड़ी का कौनसा और कितना हिस्सा लेना है, किस जड़ी को पीस कर दवा मे मिलाना है और कौन संत की सिर्फ भावना ही देनी है। यही कारण है कि आज कुलवर्धक दवा बांझपन की प्रोब्लेम के लिए सबसे प्रभावी और प्रभावी दवाई साबित हो रही है। और इसका लाभ उन लोगो को मिल रहा है जिन लोगो अपनी बांझपन की समस्या का ईलाज क्यी बड़े बड़े नामचीन DrO के पास, कई साल तक करवाने के बाद, इस बात की उम्मीद भी छोड़ दी थी के उनके माता पिता बनने का सपना कभी पूरा नहीं हुआ। भी होगा। यह पूरी जानकारी मिलने के बाद मुझे इस बात का पुरा यकीन हो गया के कुलवर्धक दवा ही निसंतान दंपतियों के लिए सबसे सस्ता और सबसे प्रभावी उपचार है। मेरी एक बड़ी ही करीबी दोस्त भी इसी तरह की समस्या से गुजर रही थी लेकिन उसकी यह समस्या सिर्फ उसके पति की रिपोर्ट मे आयी थी। उन्हे भी मैंने कुलवार्धक के लिए पुरुष के बारे में सलाह दी। उन्होने मेरी बात सुनने के बाद तुरंत ही कुलवार्धक को पुरुष किट का नंबर कर दिया और दवा मिलते ही उसके पति ने भी पुरुषोत्तम का इलाज शुरू करने के लिए कुलवर्धक को दिया और कुछ महीने बाद उन्हे भी सकारात्मक परिणाम मिला। मेरा यह ब्लॉग लेखन का कारण यही है के जो लोग बांझपन की समस्या से कई वर्षों जूझ रहे हैं। उन्हे एक सही राह मिली। क्युकि हर कोई बड़े बड़े होस्पिटल्स और IVF का खर्च नहीं उठा सकता। मै आप सभी लोगो से अनुरोध करता हूँ के जिन जिन लोगो को कुलवर्धन दवा के सकारात्मक परिणाम मिले है वोह अपने टिप्पणी जरूर लिखे ताकि सब लोगो को इस बात का यकीन हो सके के यह कोई मंगड़त कहानी नहीं बल्की किसी के जीवन का सच है। मै नीचे कुलवर्द्धक दवा की आधिकारिक वेबसाइट का नंबर दे रही हूँ मैडिसिन के बारे में किसी भी प्रकार कि जानकारी के लिए आप कंपनी की वैबसाइट पर जा कर सारी जानकारी ले सकते है। आपको ढेरों शुभकामनाएं। धन्यवाद, जनवरी 21, 2021 और पढ़ें
बादाम को ड्राई फ्रूट्स का राजा माना जाता है. इसकी गुणों की चर्चा तो अक्सर होती है लेकिन बादाम हर किसी के लिए सेहतमंद नहीं होता है.By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब,सेहत बनाने के लिए जिन चिजों का जिक्र सबसे पहले आता है उनमें बादाम शामिल है. बादाम को ड्राई फ्रूट्स का राजा माना जाता है. इसकी गुणों की चर्चा तो अक्सर होती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि बादाम हर किसी के लिए सेहतमंद नहीं होता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन लोगों को बादाम नहीं खाने चाहिए.जिन लोगों को पाचन से जुड़ समस्याएं हैं उन्हें बादाम सीमित मात्रा में खाना चाहिए. शरीर को एक दिन में 25 से 40 ग्राम फाइबर की जरुरत होती है. अगर आप रोज 3 से 4 बादाम खाते हैं यह आपके शरीर में फाइबर की जरूरत पूरी कर देते हैं. ज्यादा मात्रा में बादाम खा लेने से पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे लूज़ मोशन्स और कब्ज आपको घेर सकती हैं. अधिक बादाम का सेवन पेट में ब्लोटिंग जैसी समस्या की वजह भी बन सकता है.अगर आप कोई दवा ले रहे हैं तो बादाम के सेवन को लेकर विशेष सावधानी बरतनी होगी. दरअसल बादाम में काफी मात्रा में मैग्नीशियम होता है. 3 से 4 बादाम में 0.6mg मैग्नीशियम होता है, जबकि रोज़ाना आपके शरीर को इसकी 1.8 से 2.3mg जरुरत होती है. तो अगर आप इससे ज्यादा बादाम खाते हैं, तो इससे आपके शरीर को दवाइयों के असर पर फर्क पड़ सकता है. खून में ज़्यादा मात्रा में मैग्नीशियम एंटाएसिड, लैक्सेटिव, ब्लड प्रेशर की दवाइयों और कई एंटीबायोटिक्स जैसे एंटीसाइकोटिक ड्रग्स का असर कम कर सकती है.बादाम में विटामिन ई का बहुत अच्छा स्रोत है. बादाम का ज्यादा सेवन शरीर में विटामिन ई का ओवरडोज कर सकता है. विटामिन ई बालों और त्वचा के लिए अच्छा होता है. यह एंटीऑक्सीडेंट्स की सुरक्षा करता है. 3 से 4 बादाम में आपको 7.4mg विटामिन ई मिल जाता है. इससे ज्यादा लेने पर यह ओवर हो सकता है.बादाम वजन कम करने में आपकी मदद करता है लेकिन इसमें कैलोरिज़ और फैट भी बहुत होता है. 3 से 4 बादाम में 168 कैलोरी और 14 ग्राम फैट होता है. अगर आप मुट्ठीभर बादाम प्रतिदिन खाते हैं तो लगभग 500 से ज़्यादा कैलोरी और 40 से 50ग्राम फैट आपके शरीर को मिल जाता है. इसलिए अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो बादाम को सीमित मात्रा ही खाएंएक दिन में कितना खाएं बादामअगर आप एक सामान्य जीवनशैली को फॉलो कर रहे हैं और सामान्य डाइट पर हैं तो आपको एक दिन में 3-4 बादाम लेने चाहिए.Almond is considered the king of dry fruits. Its properties are often discussed but almonds are not healthy for everyone. By socialist Vanita Kasani Punjab, Almonds are the first to be mentioned for making health. Almond is considered the king of dry fruits. Its properties are often discussed, but do you know that almonds are not healthy for everyone. Today we are going to tell you which people should not eat almonds. Those who have digestive problems should eat almonds in limited quantity. The body needs 25 to 40 grams of fiber in a day. If you eat 3 to 4 almonds daily, it fulfills the need of fiber in your body. Eating a lot of almonds can surround you with stomach problems such as loose motions and constipation. Consuming too much almonds can also cause problems like bloating in the stomach. If you are taking any medicine, special care has to be taken regarding the consumption of almonds. Actually almonds contain a lot of magnesium. 3 to 4 almonds contain 0.6mg of magnesium, while your body needs 1.8 to 2.3mg daily. So if you eat more almonds than this, it can make a difference in the effect of medicines on your body. Excess of magnesium in the blood can reduce the effect of antipsychotic drugs such as antacids, laxatives, blood pressure medications and many antibiotics. There is a very good source of vitamin E in almonds. Excessive consumption of almonds can cause overdose of vitamin E in the body. Vitamin E is good for hair and skin. It protects antioxidants. You get 7.4mg of Vitamin E in 3 to 4 almonds. If taken more than this, it can be over. Almond helps you to lose weight but it also contains lots of calories and fat. 3 to 4 almonds contain 168 calories and 14 grams of fat. If you eat a handful of almonds daily, then your body gets more than 500 calories and 40 to 50 grams of fat. So if you want to lose weight then eat limited amount of almonds How much to eat almonds in a day If you are following a normal lifestyle and are on a normal diet then you should take 3-4 almonds a day., जनवरी 17, 2021 और पढ़ें
Thursday, 14 January 2021 Makar Sankranti means the festival of sun rising. by philanthropist vanita kasaniya In the Punjab scriptures, the north direction is considered as the god direction and on the day of Makar Sankranti when the sun starts traveling through Uttarayan, the door of Devaloka opens on this special occasion. In such a situation, along with worshiping and bathing in the Ganges, charity is also very important. It is said that donating on this day brings happiness and prosperity in life and the donation made on this day is 100 times multiplied by you. If some special things are donated on Makar Sankranti, then not only will your Saturn defects get away but your career can catch a great pace. Let us know what to donate on the occasion of Makar Sankranti. Khichdi first of all talks about Khichdi. Khichdi food is also very important on the day of Makar Sankranti. But if you donate khichdi then it is very auspicious. Eating and donating khichdi of lentils and rice on this day is extremely auspicious. If you want to donate khichdi, then make rice by mixing black urad dal and donate it. If you want to donate raw khichdi, you can donate urad dal, rice, turmeric salt and desi ghee in a separate vessel. Since Urad is the symbol of Saturn, its donation will remove Saturn and rice is called renewable grain. If you donate rice, you get a hundred times its merit. There is also a saying on the Tilmakar Sankranti - Til cracked, days stuck. That is, sesame seeds are chopped on this day. Sesame laddus are eaten and other dishes of sesame are also eaten. But at the same time, donating sesame seeds is also Mahadan. Since mole is related to Shani Dev, Shani Dosh is removed by donating sesame seeds. It is said that to appease the angry Sun God, his son Shani Dev used black sesame seeds. Therefore, donating sesame on this day is considered very auspicious. This eliminates Shani Dosh and pleases the Sun God. Black objects can be donated by black objects such as black blankets, black clothes, or other necessities on the day of Makar Sankranti. This will also remove Shani Dosh and also the effect of Rahu will be away from your life. But take care not to donate old items. Donating blankets will bring relief to the needy in the cold, which will please Shani Dev. Both jaggery and native ghee have a relationship with the Guru. This time, Makar Sankranti is falling on Thursday, so while making donations, keep in mind that if any of the items being donated have a relationship with the guru, it will be very auspicious. You can donate jaggery and ghee. With the help of pure ghee, Guru will give new heights and speed to your career, while Shani Dosh and Gurudosh are removed by donating jaggery. Click on this link for other news., जनवरी 14, 2021 और पढ़ें
सर्दियों में बिना मेहंदी लगाए सफेद बालों को नेचुरल तरीके से करें काला By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब पहले के समय में सफेद बालों को छिपाने के लिए महिलाएं मेहंदी का इस्तेमाल करती थी लेकिन मॉडर्न समय में बिना सफेद हुए बालों को भी कलर करवाना मानो क्रेज बन चुका है। जिससे बालों को काफी नुकसान पहुंचता है। सर्दियों के इस मौसम में आप सफेद बालों को मेहंदी और हेयर कलर का इस्तेमाल किए बिना ही नैचुरल तरीकों से काला कर सकती हैं। चलिए आज हम आपको बालों को नैचुरल तरीके से काला करने का तरीका बताते हैं, जिनका बालों पर अच्छा इफैक्ट पड़ेगा और बालों को किसी तरह का नुकसान भी नहीं होगा।इसके लिए कलौंजी, मेथी दाना और सूखे आंवला को मिक्सी में पीसकर पाउडर बना लें। अब एक बर्तन में 1 गिलास पानी लेकर उसमें पीसे गए मिश्रण को डालें और उसे गाढ़ा होने तक पकाएं। अब इस डाई को रातभर रखें और अगले दिन सुबह इसमें नारियल का तेल, सरसों का तेल और अरंडी का तेल (castor oil) डालकर अच्छे से मिक्स करें। डाई को सिर पर लगाने से पहले हल्का गर्म कर लें। अब बालों को दो हिस्सों में बांट कर डाई को स्कैल्प पर लगाते हुए बालों की लंबाई तक अप्लाई करें। इसे बालों में 3 से 4 घंटे तक लगा रहने दें। इसके बाद बालों को शैंपू से अच्छे से धो लें। , जनवरी 01, 2021 और पढ़ें